संदीप पाण्डेय
रायबरेली। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से विज़ननेक्स्ट परियोजना भारतीय शिल्प और डिज़ाइन समुदाय को सशक्त बनाने की एक अनूठी पहल है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत के डिज़ाइनरों, शिल्पकारों और फैशन उद्योग से जुड़े सभी संबंधित पक्षों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। इस परियोजना को लेकर हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन निफ्ट रायबरेली द्वारा किया गया।
इस कार्यक्रम में संस्थान ने विज़ननेक्स्ट परियोजना का औपचारिक परिचय दिया और इसके उद्देश्यों, उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान परियोजना की मुख्य विशेषताओं को रेखांकित करते हुए यह बताया गया कि यह भारतीय डिज़ाइन और शिल्प समुदाय को आधुनिक तकनीकों और वैश्विक रुझानों से जोड़ने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। विज़ननेक्स्ट परियोजना के तहत भारत की सांस्कृतिक और स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए एक स्वदेशी ट्रेंड फोरकास्टिंग प्रणाली विकसित की गई है। यह प्रणाली शिल्पकारों और डिज़ाइनरों को भविष्य के फैशन रुझानों को समझने और अपने उत्पादों को बाजार की मांग के अनुरूप ढालने में मदद करती है। इसके जरिए भारतीय फैशन उद्योग की अंतरराष्ट्रीय ट्रेंड फोरकास्टिंग एजेंसियों पर निर्भरता कम हो रही है और लागत में भी कमी आ रही है।
परियोजना के डिजिटल और डेटा-संचालित दृष्टिकोण ने अब तक 70,000 से अधिक प्राथमिक परिधान छवियों और 2,80,000 से अधिक माध्यमिक छवियों का संग्रह किया है। इस डेटा का उपयोग भारतीय पहनावे के शैलीगत और रंगीन रुझानों का विश्लेषण करने में किया गया है। इसके आधार पर 60 से अधिक फैशन माइक्रोट्रेंड रिपोर्ट्स और 10 से अधिक क्लोज-टू-सीज़न ट्रेंड रिपोर्ट्स तैयार की गई हैं। साथ ही “परिधि 24×25” नामक एक द्विभाषी फैशन ट्रेंड बुक भी लॉन्च की गई है जिसे अब तक 2,000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है। इस दौरान यह भी बताया गया कि परियोजना के तहत 800 से अधिक छात्रों को ट्रेंड स्पॉटिंग और डेटा संग्रह प्रणाली में प्रशिक्षित किया गया है। इससे न केवल उनके कौशल में सुधार हुआ है, बल्कि उन्हें फैशन और डिज़ाइन उद्योग में बेहतर अवसर प्राप्त करने का मार्ग भी मिला है।
इस परियोजना की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि 5 सितंबर 2024 को नई दिल्ली के ताज महल होटल में भारत की पहली द्विभाषी फैशन ट्रेंड बुक “परिधि 24×25” और एक वेब पोर्टल का शुभारंभ थी। वस्त्र मंत्री ने परियोजना की सराहना करते हुए इसे भारतीय फैशन उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंकज कुमार (कारपेट ट्रेनिंग ऑफिसर), नंदन सिंह बोरा (निदेशक निफ्ट रायबरेली), प्रवीण श्रीवास्तव (कैंपस अकादमिक कोऑर्डिनेटर), हर्षवर्धन दुबे (सहायक प्रोफेसर निफ्ट रायबरेली) और भार्गवी कुमार अय्यर (सहायक प्रोफेसर निफ्ट रायबरेली) उपस्थित रहे। सभी ने परियोजना की सराहना की और इसके लाभों पर प्रकाश डाला। यह परियोजना भारतीय पारंपरिक शिल्प को आधुनिक डिज़ाइन और तकनीकों के साथ जोड़ने का एक सशक्त प्रयास है। इससे न केवल शिल्पकारों और डिज़ाइनरों को वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जा रहा है, बल्कि भारतीय फैशन की विशिष्ट पहचान को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित किया जा रहा है।