तरूण चौबे
सुजानगंज, जौनपुर। तपस्वी संत, विश्वविलक्षण विभूति शिक्षाविद्, प्रकांड विद्वान, जगद्गुरु की उपाधि से विभूषित, महामहोपाध्याय, कविकुल रत्न, जैसे हज़ारों सम्मानों से सम्मानित, पद्म विभूषण से सम्मानित, पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज जो पूर्व में लगभग 76 वषों पूर्व साडी खुर्द) माता शची मिश्रा और पिताजी राजदेव मिश्र की दुसरी संतान के रुप में जन्म लिये।
वर्तमान में अब साड़ी खुर्द से परम् पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज की गोलोकवासी माता शची मिश्रा के नाम पर शचीपुरम को भारत और उत्तर प्रदेश सरकार ने कर दिया है।
जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज के कारण पूरा भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व उनकी अलौकिक मेधा शक्ति, धार्मिक, सनातन धर्म के संवाहक बनकर पताका फहरा रहे हैं।
14 जनवरी को जन्म दिवस, मकर संक्रांति पर्व पर पैतृक गांव शचीपुरम सुजानगंज में परिवार के अनुज ओम प्रकाश मिश्र ने मिश्र परिवार की तरफ से सुंदर कांड पाठ और सोहर गीत का आयोजन किया। घर की महिलाओं ने परमपूज्य गुरुदेव जगद्गुरु के लिए सोहर गीत, मंगल बधाई गाये। पूज्य गुरुदेव जी को सोहर गीत बहुत पसंद हैं।
बताते चलें कि पूज्य गुरुदेव जगद्गुरु जी आज विश्व में बहुत बड़ा नाम है, फिर भी अपने बचपन की यादों को गांव के लोगों से बात कर स्मरण करते हैं। उनके छोटे अनुज चंद्रकांत मणि मिश्र जो जगद्गुरु श्री के युवावस्था में लगभग 18 वषों तक साथ में रहकर विधा अध्ययन काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी में करते रहें।
वह भी परमपूज्य गुरुदेव जी को सोहर गीत सुनाकर मंगल बधाई शुभकामनाए दीं। परिवार में बड़े नेता काका के नाम से मशहूर ब्रह्मदेव मिश्र ने भी गुरुदेव जी के बचपन की यादों को उनके साथ बिताए समय को याद किया। चंद्रकांत मणि मिश्र ने बताया कि पूज्य गुरुदेव जी बचपन से ही बहुत ही मेधा शक्ति है। जो एक बार सुन लेते हैं वह जीवन पर्यन्त स्मरण रहता है।
मां सरस्वती जी की कृपा गुरुदेव जी पर विराजमान हैं। आज लगभग 250 धार्मिक ग्रंथों का लेखन आपने किया है जो हिंदू धर्म के लिए अविस्मरणीय अलौकिक है। आपने इतना ग्रंथ लिख दिया है कि एक सामान्य आदमी को पढ़ने में असंभव है। उन्होंने कहा कि बचपन में उनका नाम गिरिधर लाल मिश्र था। बाद में अनेको उपाधियां प्राप्त होती गयी।
वर्तमान में पद्म विभूषण जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के नाम से विख्यात हुए। बड़े भाई रमापति मिश्र ने बताया कि जब बरम बाबा मंदिर पर प्रातःकाल सुबह 3 बजे दैनिक क्रिया पूर्ण कर बाग में टहल-टहल कर पढ़ते थे। आयोजन में ओम प्रकाश मिश्र, अरविंद मिश्र, आशीष कुमार, आनंद मिश्रा, एसपी मिश्रा, लोकेश मिश्रा, रामसिंह, मुकुंद सिंह आदि मौजूद रहे।