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बदहाल पड़े पंचायत भवन से सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का सपना कैसे होगा साकार
संदीप पाण्डेय
रायबरेली। प्रदेश की योगी सरकार गांवों के अंतिम पायदान तक सरकारी योजनाओं का धरातल पर क्रियान्वयन करने को बेताब है। जिले में कई ऐसे भी गांव हैं जहां किसी भी सरकारी अफसर ने जमीनी हकीकत से रूबरू होने की जहमत नहीं उठाई। उल्लेखनीय है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक भवन बनाया गया जहां से सरकारी योजनाओं का लाभ आमजन को दिया जा सके। साथ ही लगभग 1 लाख 75 हजार की लागत से कम्प्यूटर, आलमारी, कुर्सी, मेज, इन्वर्टर सहित अन्य उपयोगी सामान भी क्रय किया गया।
गौरतलब है कि उंचाहार ब्लाक की बेहरामऊ ग्राम पंचायत भवन की हालत देख़ते ही बनती है। बिना कायाकल्प और चाहरदीवारी के बदहाल पंचायत भवन में ग्रामीणों को दी जाने वाली कोई भी मूलभूत सुविधा मौजूद नहीं है। सूत्रों की मानें तो सरकारी खजाने से खरीदा गया कम्प्यूटर, आलमारी सहित लाखों कीमत के क्रय हुए अधिकांश सामान को तथाकथित प्रधान अपने निजी उपयोग में ले रहा है। यह तो महज बानगी मात्र है गांव के विकास कार्य में भी लाखों रुपए के सरकारी धन का खूब दुरुपयोग किया गया है।
गांव में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार का शिकार जल निकासी को लेकर डाले गए ह्यूम पाइप के जानलेवा खुले ढक्कनों को देख ग्रामीणों द्वारा लाखों रुपये के बंदरबांट का अंदेशा जताया जा रहा है। कई ग्रामीणों ने पंचायत भवन के कायाकल्प और ढक्कनों को लगवाये जाने के साथ ही गांव में व्याप्त भ्रष्टाचार उजागर करने को उच्चस्तरीय टीम बनाकर जांच की मांग की है। इस सम्बन्ध में खंड विकास अधिकारी ने बताया कि मामला जानकारी में नहीं है। फिलहाल जांच कराई जायेगी।