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छोटे विक्रेताओं, महिलाओं व स्वयं सहायता समूहों को मिलेगा प्लेटफार्म
अब्दुल शाहिद
बहराइच। कलेक्ट्रेट सभगाार में आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने जिले के ग्रामीण/छोटे विक्रेताओं तथा स्वयं सहायता समूहों के लिए विकसित की गई ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म का शुभारम्भ किया। डीएम ने कहा कि आज की तेजी से विकसित हो रही डिजिटल दुनिया में, प्रौद्योगिकी ने उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच की खाई को पाट दिया है. जिससे बड़े और छोटे व्यवसायों के लिए अपार अवसर उपलब्ध हुए हैं। हालांकि, ग्रामीण/छोटे विक्रेता, जो अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, अक्सर इन डिजिटल उपकरणों तक पहुंच की कमी रखते हैं, जिससे उनकी विकास क्षमता सीमित हो जाती है। ऐसे लक्षित समूहों को सशक्त बनाये जाने के उद्देश्य से अनुकूलित ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म का विकास किया गया है। डीएम ने बताया कि यह प्लेटफार्म लक्षित समूहों की विस्तारित बाजार तक पहुंच को आसान बनायेगी।
क्योंकि परंपरागत रूप से, ग्रामीण विक्रेता अपने उत्पादों को अपने आस-पास के इलाके में ही बेचने तक सीमित रहते हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म उन्हें बहुत व्यापक ग्राहक आधार तक पहुँचने की अनुमति देगा, जिससे उनकी पहुँच शहरी और यहाँ तक कि वैश्विक बाज़ारों तक भी बढ़ जाएंगी। इससे विक्रेताओं को अपने सामान को अपने भौतिक स्थान की सीमाओं से परे बेचने में मदद मिलेगी, जिससे भौगोलिक बाधाएँ टूट जाएँगी।यह प्लेटफार्म आय में वृद्धि और आर्थिक स्थिरताः बड़े बाजार तक पहुंच स्वाभाविक रूप से अधिक बिक्री और संभावित रूप से बढ़ी हुई आय में तब्दील होगी। विशाल ऑनलाइन बाज़ार का लाभ उठाकर, विक्रेता सीमित स्थानीय बाज़ार की तुलना में अधिक बार और संभवतः बेहतर कीमतों पर बिक्री कर सकेंगे। इससे इन विक्रेताओं के लिए बेहतर आर्थिक स्थिरता मिलेगी।
उन्हें अपनी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने के लिए दैनिक बिक्री पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा। डीएम ने बताया कि ई-कामर्स प्लेटफार्म से लक्षित समूहों की बिचौलियों पर निर्भरता कम होगी। क्योंकि ग्रामीण विक्रेता अक्सर अपने उत्पादों को बड़े बाजारों में ले जाने और बेचने के लिए बिचौलियों पर निर्भर रहते हैं, जिससे उनका लाभ मार्जिन कम हो जाता है। अपना खुद का ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म होने से, विक्रेता अपने उत्पाद सीधे उपभोक्ताओं को बेच कर मिडिल मैन की गैर मौजूदगी से लाभ का बड़ा हिस्सा अपने पास रख सकेगे। यह प्रणाली लक्षित समूहों को दृश्यता और ब्रांडिंग का विकास करने में भी मददगार होगी। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ग्रामीण विक्रेताओं को अपनी खुद की ब्रांड पहचान स्थापित करने में मदद करेगी। ऑनलाइन प्रोफाइल, समीक्षा और ग्राहक बातचीत के साथ, विक्रेता विश्वास और एक वफादार ग्राहक आधार बना सकेंगे, जो कि पारंपरिक सड़क किनारे बिक्री के माध्यम से हासिल करना मुश्किल है।डीएम ने बताया कि यह प्लेेटफार्म डिजिटल भविष्य के भी अनुकूल है।
डीएम ने कहा कि ईशक्ति ई-कॉमर्स साइट विशेष रूप से ग्रामीण/छोटे विक्रेताओं के लिए डिज़ाइन की गई है, जो उनकी आजीविका को बदलने का कार्य करेंगी। डीएम ने बताया कि ईशक्ति ऐप का उद्देश्य महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों, छोटे विक्रेताओं को अपने उत्पाद ऑनलाइन बेचने के लिए सशक्त बनाना है। बाजार में कई ई-कॉमर्स साइटें उपलब्ध हैं, लेकिन ग्रामीण महिलाओं और छोटे विक्रेताओं के संबंध में अस्पष्ट नियम और शर्तों जैसे कि व्यापार लाइसेंस, जीएसटी पंजीकरण आदि के कारण छोटे विक्रेताओं के लिए इन साइटों पर शामिल होना आसान नहीं होता है। इसके विपरीत ईशक्ति ऐप में शामिल होना काफी सरल है और सरकारी विभाग तकनीकी चिंताओं के बिना उन्हें शामिल होने में मदद करेंगे।
कार्यक्रम का संचालन जिला सूचना विज्ञान अधिकारी योगेश यादव ने किया। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव, मुख्य राजस्व अधिकारी देवेन्द्र पाल सिंह, जिला विकास अधिकारी राज कुमार, चिकित्साधिकारी डॉ. पीयूष नायक, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर सुमित तिवारी, आईसीआईसीआई बैंक डीजीएम पुनीत गोयल, एजीएम विवेक सिन्हा, जिला पूर्ति अधिकारी नरेन्द्र तिवारी, एलडीएम जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, आबकारी अधिकारी सुधांशु सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, डीएचईआईओ बृजेश कुमार सिंह आदि मौजूद रहे।








