श्रीराम कथा: रामलला का जन्म होते ही श्रीराम के जयकारों से गूंजा पण्डाल

मुसैब अख्तर
गोण्डा। तरबगंज सैनी मार्केट स्थित श्रीहनुमानगढ़ी मन्दिर ग्राम रानीपुर भंगहा ताल निकट इंडिया बैंक श्रीहनुमान गढ़ी मन्दिर के‌ प्रांगण में श्रीरुद्र महायज्ञ एवं श्रीराम कथा के पंचम दिन श्रीराम के जन्म होते ही पंडाल में प्रभु श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा।
कथावाचक पण्डित दुर्गेश शास्त्री ने कहा कि भगवान का जन्म असुरों और पापियों का नाश करने के लिए हुआ था। भगवान राम ने बाल्यावस्था से ही असुरों का नाश किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन चरित्र अनंत सदियों तक चलता रहेगा। राम कथा में पिता के प्रति मां के प्रति और भाई के प्रति प्रभु राम का जो स्नेह प्रेम रहा सदा सदा के लिए अमर है। दुर्गेश शास्त्री ने कहा कि राजा दशरथ के संतान न होने के कारण अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं। जहां वशिष्ठ द्वारा श्रृंगी ऋषि से शुभ पुत्र कामेष्टि यज्ञ करवाते है।
यज्ञ कुंड से अग्नि देवता का प्रकट होकर राजा दशरथ को खीर प्रदान करते हैं। जिसके बाद राजा दशरथ द्वारा तीनों रानियों कौशल्या, कैकई और सुमित्रा को खीर देते है। उस खीर के खाने से तीनों रानियों को भगवान राम सहित भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न का जन्म होता है। इस अवसर पर पुलिस सेवक रामप्रताप सिंह, विधायक प्रेम नारायण पाण्डेय, यज्ञाचार्य हरिओम शास्त्री एवं समस्त क्षेत्रवासी, ग्रामवासी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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