भारत रत्न सम्मान से इतना आज लगाव हुआ है

जीते जी कह न पाया उनसे अपना प्यार हुआ है।
24 जनवरी उन्नीस सौ चौबिस में लाली छाई थी
कौन जानता था यहां पर राजनीति गरमाई थी
राजनीति में माहिर बनकर बिहार का मान बढ़ाया
समस्तीपुर से वह सबके लिए जननायक कहलाया
टूटी टाटी मड़यी से जो राज निकल कर आया था
धर्म जाति से उपर उठकर देश हित अपनाया था।
भूले बिसरे सफर से किसने आकर गले लगाया
देश आजाद कैसे होगा उसमें आकर हाथ बंटाया।
घर की माली हालत देख मन में दर्द नहीं रखते
पिता गोकुल, मां राम दुलारी भी कुछ नही कहते।
पत्नी फुलेशरी खुश रहकर साथ दिया जीवन भर
सादगी, ईमानदारी, संघर्ष किए थके नहीं जीवन भर।
पुश्तैनी का काम रहा पितोंझिया उनका गांव रहा
उनके जीवन शैली से प्रभावित दिल्ली केंद्र रहा।
52 से विधायक बनकर लोकतंत्र कि अलख जगायी
मुख्यमंत्री बिहार बनकर तानाशाही कि नींव हिलायी।
पिछड़े, अति पिछड़े को खुद आरक्षण का लाभ दिया
सामन्ती का दौर बढ़ा तो पीड़ा सहज उतार दिया।
पिता के अपमान के बदले औरों को भी उबार दिया
अंग्रेजियत के विकल्प से कर्पूरी डिवीजन पास किया।
मुफ्त शिक्षा स्कीम बनाकर पढ़ने का अधिकार दिया
लोहिया,जेपी के संरक्षण में लगातार बदलाव किया।
कुर्ता धोती खपड़ा नरिया पर कभी नहीं विश्वास हुआ
एक अकेले विकास करें इस सोच का सत्यानाश हुआ।
चंद्रशेखर और सभी ने कपड़े घर को सहयोग किया
बिहार विकास करें कैसे मुख्यमंत्री कोष में दान किया।
दो बार मुख्यमंत्री बनके भी अपने को कुछ किया नहीं
अपने आये काम के लिए उनको भी कुछ दिया नहीं।
शपथ पत्र में समाज सेवा के कितने भाव लिख डाले
उससे बढ़कर ईमानदारी कि कितनी राहें खींच डाले।
दोस्त कि फटी कोट से विदेशी दौरे में नयी कोट पाया
सपथ लिया जो देश हित में उस पर जामा पहनाया।
घर से लेकर शहर तक राजनीति का काम दिखाया
नियम और वसूलों से सबको अपना काम सिखाया।
सत्ता के गलियारे में वह राजनीति पर चर्चा करते
धीरे-धीरे से उनकी राजनीतिक से लोग बचा करते।
उच्च वर्ग के निशाने पर सत्ता में वह हमेशा पड़े रहे
गाली सुनकर के भी अपने बिंदु पर हमेशा अड़े रहे।
अधिकारी कर्मचारी को लगातार वह रोक रहे थे
मनमानी के दौर में इतिहास को वह टोक रहे थे।
सौंवीं जयंती के अवसर पर राष्ट् ने ऐसा काम किया
खोज निकाला नायक को विश्व में जिसने नाम किया
वंदन है अभिनंदन है खोज निकाला बिहार खान से
शिर उठा कर जी सकेंगे उनके लोग कहते हैं शान से
अर्धशतक जब पार कर लिया राजनीति कि धूरी को
तलाश हुई जब राज्यवार से चुन पाया बस कर्पूरी को।
भारत रत्नसम्मान मिल गया देश के बड़े पुजारी को
श्रद्धांजलि समर्पित हुई मजदूर किसान भिखारी को।
देवी प्रसाद शर्मा ‘प्रभात’
तेजस टूडे ब्यूरो चीफ आजमगढ़
मो.नं. 7008310396

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