एम अहमद
श्रावस्ती। डिजिटल अरेस्टिंग, साइबर क्राइम और साइबर सुरक्षा कैपेसिटी बिल्डिंग पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन पुलिस लाइन सभागार कक्ष में हुआ जिसका शुभारंभ जिलाधिकारी अजय द्विवेदी एवं पुलिस अधीक्षक ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों की पहचान, धोखाधड़ी से बचने के उपायों, सतर्कता और जागरूकता की भूमिका, सुरक्षित प्रमाणीकरण के महत्व और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग की प्रक्रिया पर जानकारी साझा की।
इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अधिकारियों एवं पुलिस कर्मियों के लिए यह सुनहरा अवसर , जिसमें साईबर सिक्योरिटी के बारे में सीख सकेंगे। पुलिस विभाग द्वारा यह एक सराहनीय पहल है, इस प्रकार के कार्यक्रमों की जनपद में काफी जरूरत है। दिन प्रतिदिन हम यह देख रहे हैं कि साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे है और विशेष रूप से फोन के माध्यम से लालच जैसी योजनाओं के बारे में बताकर साइबर क्राइम अधिक फैल रहा है।
इनके बारे में जागरूक होने की जरूरत है। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नागरिकों और पुलिसकर्मियों को डिजिटल युग में साइबर अपराधों, उनसे बचाव के उपायों और उनसे संबंधित कानूनी पहलुओं के प्रति जागरूक करना है। साथ ही यह कार्यशाला प्रतिभागियों को तकनीकी कौशल और साइबर सुरक्षा के नए साधनों से अवगत कराने पर केंद्रित है।
अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ सागर विश्नोई (जर्मनी से लाइव) डिजिटल अरेस्टिंग तकनीक और इसके उपयोग, शुभम सिंह (साइबर एक्सपर्ट मुंबई), ऑनलाइन फ्रॉड की पहचान और बचाव के उपाय, अमिय कृष्ण उपाध्याय (को0 फाउंडर), प्रणव द्विवेदी (एआई पॉलिसी एक्सपर्ट) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और साइबर सुरक्षा का समन्वय, आस्था कोहली (लीगल एक्सपर्ट) साइबर अपराध और कानूनों की व्याख्या, कार्यशाला में भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्टार्टअप ‘नेतृत्वशाला’ और अंतरराष्ट्रीय थिंक टैंक ‘फ्यूचर शिफ्ट लैब्स’ ने सक्रिय भागीदारी निभाई। साथ ही ग्लोबल लीडर्स प्रा.लि. की विशेषज्ञ टीम ने साइबर क्राइम रोकने के व्यावहारिक और तकनीकी उपायों को साझा किया। प्रतिभागियों को सतर्कता और जागरूकता के महत्व पर जोर दिया गया।
साथ ही साइबर हेल्प डेस्क की कार्यप्रणाली और साइबर पुलिस से संपर्क करने की प्रक्रिया पर चर्चा हुई।
ऑनलाइन धोखाधड़ी के नए तरीकों और उनसे बचाव के तरीकों पर सत्र आयोजित किए गए। इसमें अलक्षेन्द्र इंटर कॉलेज और शिवालिक महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भी इसमें उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इस दो दिवसीय कार्यशाला ने सभी प्रतिभागियों को साइबर अपराधों से बचने, संदिग्ध गतिविधियों की पहचान और साइबर सुरक्षा से जुड़े आधुनिक उपकरणों और कानूनों की जानकारी दी। इस कार्यक्रम ने जनमानस और पुलिसकर्मियों के बीच जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल युग में साइबर अपराधों के खिलाफ मजबूत ढांचा विकसित करने का मार्ग प्रशस्त किया।
कार्यशाला का आयोजन जमाल असगर राना ने किया। संचालन अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण यादव ने किया।
इस दौरान जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक ने साइबर एक्सपर्ट की टीम जमाल असगर राणा, अमिय कृष्ण उपाध्याय, प्रणव द्विवेदी, शुभम सिंह, सागर विश्नोई, आस्था कोहली, नीलाभ शाहा, ऋषभ शुक्ला, मोहित सक्सेना, प्रथम मल्होत्रा, दीपक चौधरी, मृदुलय सिंह को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी भिनगा आशीष भारद्वाज, उपजिलाधिकारी इकौना ओम प्रकाश, एपीओ किसलय पांडेय, प्रतिसार निरीक्षक, प्रभारी निरीक्षक (साइबर थाना), समस्त थाना प्रभारीगण, एसएसबी कर्मी, कंप्यूटर ऑपरेटर, पुलिस कार्यालय के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।