डीएम ने की सीएम डैशबोर्ड एवं परियोजनाओं/निर्माण कार्यों की समीक्षा

  • कहा— परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर 15 दिनों के अन्दर हैण्डओवर किया जाय

संदीप सिंह
प्रतापगढ़। जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में सीएम डैशबोर्ड एवं परियोजनाओं/निर्माण कार्यों की समीक्षा की गयी। समीक्षा में जिलाधिकारी ने समाज कल्याण, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग व अल्पसंख्यक विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि आपस में समन्वय स्थापित कर छात्रवृत्ति योजना के जो भी प्रकरण है, उसका निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर करायें और शिक्षण संस्थानों में जो भी आवेदन लम्बित है। सभी प्रधानाचार्यों की बैठक कराकर आवेदन का निस्तारण यथाशीघ्र कराया जाय जिससे छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति योजना का लाभ समय से प्राप्त हो सके।
गोशाला की समीक्षा में जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी से निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के सम्बन्ध में जानकारी लेते हुये मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि समस्त गौशालाओं की जांच हेतु अधिकारियों की टीम नामित की जाय जिससे गौशालाओं में गोवंशों की मिलने वाली सुविधा जैसे चारा, स्वास्थ्य परीक्षण, पानी, संरक्षित गोवंशो की संख्या आदि की जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध करायी जाय। जिलाधिकारी ने बेसिक शिक्षा विभाग की समीक्षा कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि जनपद में जो भी विद्यालय है, यदि उस पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया गया है तो उसकी सूची उपलब्ध करायी जाय जिससे आवश्यक कार्यवाही की जा सके। विद्युत विभाग की समीक्षा में विद्युत बिल सम्बन्धी शिकायतें प्राप्त होने पर जिलाधिकारी ने अधीक्षण अभियन्ता विद्युत को निर्देशित किया कि विद्युत बिल के शिकायतों के निस्तारण हेतु नोडल अधिकारी बनाया जाय जिससे विद्युत बिल सम्बन्धी शिकायत प्राप्त होने पर निस्तारण कराया जा सके।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सीएम डैशबोर्ड पर जिन भी योजनाओं की रैकिंग ठीक नहीं है, उसे ठीक करायें और यदि कोई समस्या आ रही है तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाये। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि निरन्तर सीएम डैशबोर्ड की निगरानी करते रहे और अपने विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दें। निर्धारित समयावधि में निस्तारित करें, सभी सम्बन्धित विभाग सीएम डैशबोर्ड को गम्भीरता से लें। उन्होने अधिकारियों से कहा कि किसी दबाव में आकर कार्य न किया जाये, शासन के दिशा निर्देश के अनुरूप ही कार्य किया जाये, योजनाओं की प्रगति को ठीक रखें, किसी भी स्तर पर पत्रावली को लम्बित न रखी जाये, समय से पत्रावलियों पर कार्यवाही की जाये। बैठक में जो भी अधिकारी उपस्थित नहीं थे, उनके प्रति जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुये निर्देशित किया कि बिना अनुमति के मुख्यालय कदापि न छोड़ें, अन्यथा कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।
जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि विभागों की रिपोर्ट सही उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने परियोजनाओं/निर्माण कार्यों की समीक्षा कर अधिकारियों व कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि जिन परियोजनाओं के निर्माण कार्य पूर्ण कर लिये गये हैं, उन्हें सम्बन्धित विभाग को 15 दिनों के अन्दर हैण्ड ओवर कर दिया जाय। सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हैण्डओवर के पहले परियोजनाओं की गुणवत्ता को देख ले और हैण्डओवर करने के बाद कोई भी कमी न निकाली जाये। हैण्डओवर के बाद सम्बन्धित विभाग उसका संचालन करें जिससे जनसामान्य व प्रशासकीय हित में कार्य किये जाये। परियोजनाओं के कार्यों में यदि कहीं पर पुनरीक्षित की आवश्यकता है। सम्बन्धित को यथाशीघ्र भेज दिया जाये। अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि अपने स्तर से सम्बन्धित पटल सहायक सहायकों को निर्देशित करें कि पत्रावलियों को समय से प्रेषित करें।
जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यो को लम्बित कदापि न रखा जाये। निर्माणपरक कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाये। यदि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं पायी जाती है तो सम्बन्धित अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डा0 दिव्या मिश्रा, जिला विकास अधिकारी कृष्ण कुमार, परियोजना निदेशक डीआरडीए दयाराम यादव, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी प्रियंका सोनी सहित तमाम सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

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