Home UTTAR-PRADESH महाकुम्भ प्रयागराज में अनुमान से ज्यादा श्रद्धालुओं के आने से प्रशासनिक व्यवस्था...
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सीमावर्ती इलाकों में रोक दी गई स्नानार्थियों की गाड़ी
शिवेन्द्र नारायण तिवारी
प्रयागराज। महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर होने वाले अमृत स्नान की तैयारियों को लेकर प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। उम्मीद है कि इस बार एक दिन में करीब 10 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। उधर मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर होने वाली भीड़ के कारण उत्तर प्रदेश की सीमा पर गाड़ियों को रोक दिया गया है जिससे कि भीड़ इक्कठा नहीं हो पाए सबसे महत्वपूर्ण मौनी अमावस्या का स्नान 29 जनवरी को है।
अनुमान के विपरित शनिवार से बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकुंभ मेले में आ रहे हैं। इसे देखते हुए प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्षेत्रीय योजना तैयार किया था, उसे मजबूरन दो दिन पहले सोमवार से ही लागू कर दिया गया।
इस योजना के मुताबिक पूरे मेला क्षेत्र को वाहन निषेध क्षेत्र घोषित करते हुए मेला क्षेत्र में गाड़ियों के प्रवेश को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। वहीं,अलग-अलग मार्गों से ट्रेन, बस, निजी साधन या फिर हवाई मार्ग से आने वाले श्रद्धालुओं के स्नान का प्रबंध उसी दिशा की ओर के घाटों पर किया गया है, जिस ओर से श्रद्धालु आएंगे।
प्रयागराज जनपद से लगे हुए सभी सीमाओं पर गाड़ियों को शहर की ओर आने से रोकें दिया गया है और जिससे बहुत से यात्री गंगा स्नान के लिए पैदल दी चल दिए है। डीएम रविन्द्र कुमार मादड़ ने प्रयागराज जनपदवासियों से आग्रह किया है कि अपना निजी वाहन लेकर बाहर न निकलें एवं बाहर से आए श्रद्धालु के साथ दुर्व्यवहार न करें जिससे किसी को कोई असुविधा न हो।
महाकुम्भ के दूसरे शाही स्नान में श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
तेजस टूडे ब्यूरो
शिवेन्द्र नारायण तिवारी
प्रयागराज। माना जाता है कि इस वर्ष तीर्थराज प्रयाग की पावन धरती पर 144 साल बाद महाकुंभ का संयोग बना है। जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान लगाया था किंतु दूसरे स्नान पर्व (शाही स्नान)मौनी अमावस्या के दो दिन पूर्व ही लगभग 13.5 करोड़ श्रद्धालू महाकुंभ में पहुंच गए हैं।
और अभी भी प्रयागराज जाने वाले सभी मार्गों पर लगभग 40 से 50किमी. लंबा जाम लगा हुआ है। श्रद्धालुओं का कहना है। मां गंगा के पवित्र संगम पर स्नान करने से जन्म जन्मांतर के पापों से मुक्त हो जायेंगे।
शायद इस जीवन में फिर ऐसा महाकुंभ देखने का अवसर नहीं मिलेगा। संक्षेप में कहा जाए तो यह दिव्य और भव्य कुंभ आस्था का पर्व है। वहीं क्षेत्रीय अधिवक्ता प्रयाग नारायण तिवारी ने बताया कि हमारे सनातन धर्म की महानता है जिसमें श्रद्धालु हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर गंगा स्नान करने पहुंच रहे है ऐसा जनसैलाब विश्व के किसी भी पर्व पर एक साथ नहीं देखा गया होगा।
केवल हमारे सनातन धर्म में ही ऐसा होना संभव है। तिवारी जी ने कहा कि हमारे महाकुंभ में यक्ष, गंधर्व, नाग, किन्नर, भूत, पिशाच, नागा, देवी, देवता, तेरह अखाड़ों के दिव्य साधुओं का पदार्पण हुआ। ये आस्था का महाकुंभ है। सनातन का महाकुंभ है।








