आर्थिक तंगी के चलते ट्रेन से कटकर बुजुर्ग दम्पति ने दी जान

देवी प्रसाद शर्मा
आजमगढ़। आर्थिक तंगी और गरीबी से परेशान होकर समूह से रुपये लेने के लिए घर से निकले पति-पत्नी ने सोमवार की देर शाम सिधारी थाना क्षेत्र के कटघर गांव के समीप के सामने लेटकर जान दे दी।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची जीआरपी और थाने की पुलिस की जांच पड़ताल में जुट गई। हालांकि उस दौरान दोनों की पहचान नहीं हो सकी लेकिन मंगलवार को परिवार के लोगों ने पहचान किया तो पुलिस ने विधिक कार्रवाई की।
मालूम हो कि जहानागंज थाना क्षेत्र के करनपुर गांव निवासी 65 वर्षीय बसंता राम हार्ट के मरीज थे। परिवार की माली हालत ठीक नहीं थी। इसके चलते ठीक ढंग से उपचार भी नहीं करवा पाते थे। दवा के लिए वे समूह से रुपये लेना चाहते थे लेकिन पत्नी बरती देवी 60 वर्षीय समूह से रुपये लेने का विरोध करती थी। पड़ोसियों ने बताया कि एक सप्ताह से परिवार में विवाद चल रहा था।
सोमवार को दिन में ही दंपति शहर में सिधारी रेलवे ओवर ब्रिज के पास लोन देने वाले समूह का कार्यालय आए थे। शाम को दोनों सिधारी हाल्ट के प्लेट फार्म पर घंटो बैठे रहे और आपस में बातचीत करते रहे। दोनों के बीच क्या हुआ कोई बता नहीं पा रहा था। जब ट्रेन के आने का समय हुआ तो दोनों प्लेट फार्म से कटघर की ओर चले गये।
इस दौरान शाम को ताप्ती गंगा एक्सप्रेस आजमगढ़ से मऊ की ओर जा रही थी। जैसे ही ट्रेन की आवाज सुनाई दी पहले पति इसके बाद पत्नी ट्रेन के सामने पटरी पर लेट गए। इसके बाद दोनों की ट्रेन से कट कर मौत हो गई। ट्रेन के चालक ने स्टेशन मास्टर को सूचना दी।
इसके बाद सिधारी थानाध्यक्ष शशिचंद चौधरी और उप निरीक्षक प्रमोद मद्धेशिया ने मौके पर पहुंचकर जांच की। वृद्ध की शिनाख्त का प्रयास किया लेकिन उस समय पहचान न होने पर दोनों के शव को मोर्चरी भेज दिया। दोपहर में बसंता का छोटा बेटा हिमांशू गांव के लोगों के साथ थाने पर पहुंचा फोटो देखकर पहचान की। मृत दंपती को दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। सबसे बड़ा पुत्र अतवारी मुंबई रहते है।
हालांकि पुत्रियों की शादी हो चुकी सभी अपने घर रहती है जबकि छोटा पुत्र घर पर रहकर मजदूरी करता है। इस बाबत पूछे जाने पर सिधारी थानाध्यक्ष शशिचन्द्र चौधरी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। परिवार के लोगों से पूछताछ कर घटना की स्थिति स्पष्ट की जा रही है।

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