कुष्ठ निवारण दिवस पर शुरू होगा स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान

  • जागरूकता फैलाकर भ्रान्तियों को दूर करने से बीमारी से लड़ सकते हैं: डा. सुधाकर

मुकेश तिवारी
झांसी। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में कुष्ठ निवारण दिवस 30 जनवरी से 14 दिवसीय कुष्ठ पखवाड़े का आयोजन स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के रूप में किया जा रहा है।
यह जानकारी देते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पांडेय ने बताया कि कुष्ठ रोग के बारे में जागरूकता एवं ज्ञान का अभाव कलंक तथा भेदभाव की ओर ले जाता है जिसके कारण कुष्ठ के संचरण और उपचार से संबंधित गलत धारणाएं समाज में फैलती हैं।
कुष्ठ रोग से जुड़े कलंक एवं भेदभाव की समस्या को दूर करने के उद्देश्य से तथा जागरूकता बढ़ाने के लिए वर्ष 2017 में स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान नामक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया गया था। इस वर्ष भी कुष्ठ निवारण दिवस पर 30 जनवरी 2025 से 14 दिवसीय कुष्ठ पखवाड़े का आयोजन स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान के रूप में किया जाएगा।
अभियान के अंतर्गत जनपद की सभी ग्राम सभाओं में बैठक का आयोजन करते हुए पंचायती राज विभाग, ग्रामीण विकास, शहरी विकास, महिला और बाल विकास, सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग, समुदाय आधारित संगठन, गैर सरकारी संस्थान, स्वयं सहायता समूह आदि के सहयोग व समन्वय से कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए समाज में जागरूकता लाई जाएगी।
इस वर्ष की थीम है। “आइए मिलकर जागरूकता फैलाएं, भ्रांतियों को दूर भगाएं, कुष्ठ प्रभावित कोई पीछे छूट न जाए” नगर क्षेत्र में विद्यालयों, नगर निगम, मेडिकल कॉलेज आदि में जिलाधिकारी का संदेश पढ़ा जाएगा।
कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ महेंद्र कुमार ने बताया कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से कुष्ठ रोग होता है। इस रोग में मरीज के हाथों पैरों की परिधीय तंत्रिका, त्वचा, नाक की श्लेष्मा और ऊपरी श्वसन तंत्र प्रभावित होता है।
कुष्ठ रोग का यदि समय पर उपचार न किया जाए तो शारीरिक विकलांगता हो सकती है। कुष्ठ रोग से जुड़ा कलंक एवं भेदभाव मरीज के व्यवहारिक जीवन के कई पहलुओं जैसे कि सामाजिक स्तर, रोजगार के अवसर, विवाह एवं पारिवारिक जीवन को प्रभावित करता है, इसलिए समाज में जागरूकता लाने हेतु अभियान चलाया जाएगा।

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