कुष्ठ रोग का उपचार सम्भव, समय पर उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकती है बीमारी: सीएमओ

  • 30 से चलेगा ‘स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान’

  • 13 फरवरी तक खोजे जायेंगे कुष्ठ रोग के सम्भावित मरीज

अब्दुल शाहिद
बहराइच। महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी से 13 फरवरी तक जिले में “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान” चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य समाज में कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करना, शुरुआती लक्षणों की पहचान करना और मरीजों को समय पर उपचार उपलब्ध कराना है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने बताया कि इस अभियान के तहत संभावित रोगियों की पहचान कर नि:शुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। स्वास्थ्य कर्मियों की टीम घर-घर जाकर सर्वेक्षण करेगी ताकि कोई भी रोगी इलाज से वंचित न रह जाय।
उन्होंने कहा, “कुष्ठ रोग पूरी तरह उपचार योग्य है लेकिन इससे जुड़ी भ्रांतियों और कलंक के कारण कई लोग समय पर इलाज नहीं करा पाते। हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज देना ही नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों के साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।”
जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ. पी.के. वर्मा ने बताया कि कुष्ठ रोग अभिशाप नहीं बल्कि माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रे नामक बैक्टीरिया से होने वाला एक संक्रामक रोग है, “यदि त्वचा पर हल्के लाल या तांबे रंग के सुन्न दाग-चकत्ते, हाथ-पैर की नसों में मोटापन, झनझनाहट, कमजोरी या तलवों में सुन्नपन महसूस हो तो तुरंत जांच कराएं।
इलाज में देरी से विकलांगता हो सकती है।” उन्होंने बताया कि भारत सरकार का लक्ष्य 2027 तक विकलांगता दर को शून्य और प्रसार दर को 1 तक लाना है। वर्तमान में जिले में विकलांगता दर शून्य है और प्रसार दर 0.58 है।
जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ. विनय श्रीवास्तव ने बताया कि यदि त्वचा पर लाल या फीके धब्बे, सुन्नपन, गांठें, आंखों से पानी आना या उंगलियों का मुड़ना जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत उपचार कराएं। कुष्ठ रोग की नि:शुल्क दवा जिले के सभी अस्पतालों में उपलब्ध है। उन्होंने बताया वर्तमान में जिले में 248 सक्रिय कुष्ठ रोगी हैं जिनका उपचार चल रहा है जबकि 556 मरीजों को 3,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ग्रामीण कुष्ठ रोगी योजना के तहत 83 मरीज लाभान्वित हो रहे हैं जिन्हें आवास मुहैया कराया गया है।
डीएचइआईओ बृजेश सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में 265, 2022-23 में 345 और 2023-24 में 412 नए कुष्ठ रोगी खोजे गये जो उपचार के बाद रोगमुक्त हो चुके हैं।
वर्ष 2024-25 में 265 नए रोगी पाये गये जिनमें 42 पूरी तरह रोगमुक्त हो चुके हैं और बाकी का इलाज चल रहा है। जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अपील किया कि “स्पर्श कुष्ठ जागरूकता अभियान 30 जनवरी से 13 फरवरी तक चलाया जा रहा है। आइए, हम जागरूकता फैलाएं, भ्रांतियों को दूर करें और कुष्ठ मुक्त, भेदभाव मुक्त भारत बनाने में योगदान दें।”

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