- साइबर क्राइम से बचा सकती है छोटी-छोटी सावधानियां: एएसपी
- साइबर एक्सपर्ट ओपी जायसवाल ने विद्यार्थियों को दिये बचाव के टिप्स
- महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ में साइबर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
आजमगढ़। महाराजा सुहेलदेव विश्वविद्यालय आजमगढ़ में साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। गोष्ठी को संबोधित करते हुए आजमगढ़ के पुलिस अधीक्षक ग्रामीण चिराग जैन ने कहा कि साइबर अपराधी इतने शातिर होते है कि वह दूसरे के नाम का सिम और आधार का प्रयोग करते हैं। आज पुलिस के सामने साइबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती है।
ऐसे में साइबर जागरूकता कार्यक्रम का उद्देश्य है कि आप किसी को भी आधार कार्ड नंबर न बताएं और न ही किसी को अपना सिम कार्ड दें अन्यथा क्राइम कोई और करेगा समस्या आपके लिए उत्पन्न हो जाएगी। उन्होंने विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए उनके सवालों का जवाब दिया।

सहायक पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर ने कहा कि सिम कार्ड खरीदते समय आपको ध्यान देना होगा कि जहां से आप सिमकार्ड खरीद रहे हैं कहीं वह आपके नाम से दो सिम कार्ड तो जारी नहीं कर रहा है। छोटी-छोटी सावधानियों से आप साइबर क्राइम से बच सकते हैं।
इस मौके पर विद्यार्थियों को जागरूक करते हुए विषय विशेषज्ञ साइबर सेल एक्सपर्ट हेड कांस्टेबल ओम प्रकाश जायसवाल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसा कुछ नहीं होता, अगर ऐसा कोई वीडियो कॉल या फोन कॉल आता है तो आप अलर्ट हो जाएं क्योंकि ये लोग साइबर अपराधी होते हैं और झांसा देकर लोगों को ठगने का काम करते हैं। सोशल मीडिया पर आप अपना पॉसवर्ड बहुत ही सिंपल न रखें उसे स्पेशल कैरेक्टर का यूज करते हुए बनाए ताकि वह स्ट्रांग रहे और कोई हैक न कर सके। किसी भी प्रकार की साइबर फ्रॉड संबंधी सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर फोन करें या फिर साइबर अपराध की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन में या ऑफिसियल वेबसाइट पर करें।
कुलपति प्रो. संजीव कुमार ने सभी के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज के समय में साइबर क्राइम से बचने का एक ही सरल उपाय है कि हम इसके बाद में खुद जागरूक हो और अपनों को जागरूक करें। किसी भी बहकावे और लालच में बिल्कुल न पड़ें। इस मौके पर साइबर थाना प्रभारी निरीक्षक विमल प्रकाश राय, साइबर सेल प्रभारी उपनिरीक्षक मोहम्मद अबूसाद ने भी अपनी बात रखी।