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नुक्कड़ नाटक कर एनटीडी रोगों के प्रति किया गया लोगों को जागरूक
अब्दुल शाहिद
बहराइच। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोग (एनटीडी) दिवस पर कार्यशाला हुई जहां स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हुए। कार्यशाला में इन बीमारियों की रोकथाम, इलाज और जागरूकता पर चर्चा की गई। साथ ही शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से लोगों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा ने कहा कि एनटीडी दिवस हर साल 30 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन उपेक्षित उष्ण कटिबंधीय रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इनके उन्मूलन के लिए कार्रवाई को प्रेरित करने का अवसर है।
उन्होंने बताया कि यह रोग अक्सर कम ध्यान का केंद्र बनते हैं जबकि इनमें से अधिकांश रोकथाम और उपचार योग्य हैं। यदि समय पर इलाज न मिले, तो ये विकलांगता, विकृति या मृत्यु का कारण बन सकते हैं। एनटीडी रोगों से बचाव के लिए जागरूकता और सामुदायिक सहयोग आवश्यक है। सरकार इनके उन्मूलन के लिए दवा वितरण, जांच और जागरूकता कार्यक्रम चला रही है।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष राना ने बताया कि डेंगू, चिकनगुनिया, ड्रैकुनकुलियासिस, लीशमैनियासिस, कुष्ठ रोग, फाइलेरिया, रेबीज, मिट्टी से फैलने वाले हेल्मिंथियासिस, सांप के काटने की घटनाएं, ट्रेकोमा आदि एनटीडी श्रेणी में आते हैं। ये रोग बैक्टीरिया, वायरस, परजीवी, कवक और विषाक्त पदार्थों के कारण होते हैं और त्वचा, आंखों सहित अन्य अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।
उचित स्वच्छता, साफ पानी और नियमित स्वास्थ्य जांच से इनसे बचाव संभव है। उन्होंने गांवों और शहरों में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत पर जोर दिया।
जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बृजेश सिंह ने कहा कि एनटीडी मुख्य रूप से गरीब और वंचित समुदायों को प्रभावित करते हैं और इनके कारण स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और सामाजिक विकास पर गंभीर प्रभाव पड़ता है।
इनमें से कई रोग उपचार योग्य हैं लेकिन सही समय पर इलाज न मिलने पर ये खतरनाक हो सकते हैं। सरकार फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, डेंगू और मलेरिया नियंत्रण अभियान, काला-अजार उन्मूलन अभियान, राष्ट्रीय ट्रेकोमा नियंत्रण कार्यक्रम जैसी योजनाओं के तहत निःशुल्क दवाएं उपलब्ध करा रही है जिनका लाभ सभी को लेना चाहिए।
अर्बन और चित्तौरा ब्लॉक के गांवों में नुक्कड़ नाटक आयोजित कर ग्रामीणों को संचारी रोगों के प्रति जागरूक किया गया। अंत में डिप्टी सीएमओ डॉ. सतीश गौतम ने उपस्थित लोगों को एनटीडी रोगों से बचाव और इलाज की जानकारी दी। कार्यशाला में चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने अपील किया कि हर नागरिक एनटीडी रोगों से बचाव के लिए जागरूक रहे और सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाए। उन्होंने साफ-सफाई, नियमित स्वास्थ्य जांच और समय पर इलाज को प्रभावी उपाय बताया। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और सामुदायिक संगठनों से मिलकर इन रोगों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे अभियानों में सहयोग करने की अपील किया।