देश में पहली बार महिलाएं करेंगी जल संरक्षण के लिये पदयात्रा

  • 2 फरवरी को ओरछा के कंचना घाट से यात्रा का होगा शुभारम्भ

मुकेश तिवारी
झांसी। भारत वर्तमान में गंभीर जल संकट से जूझ रहा है, भूजल स्तर निरंतर गिरता जा रहा है, नदियाँ सूखने की कगार पर हैं और तालाबों पर अतिक्रमण हो रहा है। पिछले कई वर्षों से पानी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में निरंतर गिरावट आ रही है जो गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। जल संसाधनों के अंधाधुंध और अव्यवस्थित उपयोग के परिणामस्वरूप जल संकट बढ़ता जा रहा है। यह संकट न केवल पर्यावरणीय संकट बन चुका है, बल्कि हमारे लिए भविष्य की चिंता का विषय है। इस संकट से निपटने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है। इस संदर्भ में बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रयासों को बेहद सराहा जा रहा है।
परमार्थ समाज सेवी संस्थान की पहल पर जल सहेली समूह ने इस संकट से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब इस दिशा में और अधिक जागरूकता फैलाने के लिए जल सहेलियाँ 2 से 19 फरवरी तक जल सहेलियां जलयात्रा का आयोजन करने जा रही हैं। यह यात्रा 2 फरवरी को ओरछा से शुरू होकर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में पांच जिलों- निवाड़ी, झांसी, ललितपुर, टीकमगढ़ और छतरपुर से होकर लगभग 300 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यात्रा का समापन 19 फरवरी को छतरपुर जिले के जटाशंकर धाम में होगा। यह यात्रा बुंदेलखंड के ग्रामीण इलाकों में जल संकट के गंभीर प्रभावों और जल संरक्षण के उपायों के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य करेगी।
यात्रा ओरछा से शुरू होकर बबीना (झांसी), तालबेहट (ललितपुर), जतारा (टीकमगढ़), बड़ामलेहरा (छतरपुर) होते हुए बिजावर (छतरपुर) और अंत में जटाशंकर धाम पहुंचेगी। इस यात्रा में जल सहेलियाँ और स्थानीय समुदाय गाँव-गाँव में यात्रा के मार्ग में स्थित जल चौपालों का आयोजन करेगी। साथ ही श्रमदान जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। यात्रा में शामिल महिलाएं और समुदाय के सदस्य विभिन्न जल संरक्षण और जलवर्धन के उपायों को साझा करेंगे और उन्हें लागू करने के लिए प्रेरित करेंगे। यात्रा का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन हेतु जनजागरूकता, बुंदेलखंड में चंदेल कालीन तालाबों का जीर्णोद्धार और विलुप्त हो रही छोटी नदियों के पुनर्जीवन हेतु सरकार, शासन एवं समाज को संवेदित एवं जागरुक करना, जल संचयन, जन भागेदारी को एक जन आन्दोलन बनाना, समाज को पर्यावरण से जोड़ना एवं जल संरचनाओं और जल स्रोतों के संरक्षण के लिए इनके महत्व को समझाना है।
यात्रा के शुभारंभ समारोह पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री मध्य प्रदेश सरकार संपतिया उइके, जल पुरुष राजेंद्र सिंह ओरछा में उपस्थित होंगे। साथ ही समापन समारोह में जटाशंकर धाम में केंद्रीय मंत्री, कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान पदयात्रा में शामिल होंगे।

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