Jaunpur News: मेडिकल कालेज के घायल छात्र की उपचार के दौरान हुई मौत

  • छात्रों का फूटा गुस्सा, मेडिकल कालेज के सामने किया प्रदर्शन

  • जौनपुर—शाहगंज मार्ग दो घण्टे रहा जाम, दोनों बगल लगीं वाहनों की लाइन

विरेन्द्र यादव
सरायख्वाजा, जौनपुर। उमानाथ सिंह स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) के सामने शुक्रवार दोपहर सड़क दुर्घटना में घायल हुए डीएमएलटी छात्र दीपचंद्र यादव की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इस खबर से आक्रोशित छात्रों ने मेडिकल कॉलेज के सामने लुंबिनी-दुद्धी राज्यमार्ग पर जाम लगा दिया। छात्रों ने प्रशासन और मेडिकल कॉलेज के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क पर घंटों प्रदर्शन किया जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।

स्थानीय थाना क्षेत्र के जफरपुर गांव निवासी दीपचंद यादव 22 वर्ष शुक्रवार को मेडिकल कॉलेज के सामने एक वाहन की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। हादसे के बाद साथी छात्रों ने तत्काल मेडिकल कॉलेज में खड़ी एंबुलेंस की मांग की लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। अंततः दोस्तों ने ऑटो की मदद से दीपचंद्र को जिला अस्पताल पहुंचाया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
छात्रों का आरोप है कि अगर मेडिकल कॉलेज प्रशासन समय रहते एंबुलेंस की सुविधा मुहैया कराता तो दीपचंद्र की जान बच सकती थी। इसी लापरवाही के चलते छात्रों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और प्राचार्य डॉ. रुचिरा सेठी को मौके पर बुलाने की मांग करने लगे।
प्रदर्शन के कारण लुंबिनी-दुद्धी राज्यमार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। यहां तक कि पैदल यात्री और साइकिल सवारों को भी छात्रों ने रास्ता पार नहीं करने दिया। इस वजह से मेडिकल कॉलेज की ओपीडी पूरी तरह ठप हो गई। दूर-दराज से आए मरीजों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
डॉक्टरों ने भी मरीजों को देखना बंद कर दिया जिससे कई गंभीर मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ा सूचना मिलते ही सरायख्वाजा थाना प्रभारी विनय प्रकाश सिंह, खेतसराय पुलिस और महिला पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। छात्रों को समझाने का प्रयास किया गया लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े रहे।
छात्रों की मांग थी कि मेडिकल कॉलेज के सामने स्पीड ब्रेकर बनाया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। मृतक दीपचंद्र के परिवार को आर्थिक सहायता दी जाय। मेडिकल कॉलेज प्रशासन की लापरवाही की जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
प्राचार्य डॉ. रुचिरा सेठी को तत्काल उनके पद से हटाया जाए। स्थिति को संभालने के लिए सीओ सदर देवेश सिंह और एसडीएम पवन कुमार मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने वाराणसी से पीडब्लूडी के जूनियर इंजीनियर को बुलाकर शाम तक स्पीड ब्रेकर बनवाने का आश्वासन दिया।
घटना की खबर मिलते ही समाजवादी पार्टी के मजदूर सभा के राष्ट्रीय महासचिव अमित यादव भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया और मृतक के परिवार को मुआवजा देने की मांग की।
थाना प्रभारी से उनकी नोक—झोंक भी हुई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर छात्रों की मांगें पूरी नहीं होंगी तो वे धरने पर बैठने को मजबूर होंगे। दो घण्टे के बाद छात्र—छात्राओं ने उच्चाधिकारियों के समझाने पर धरना समाप्त किया। इसके बाद आवागमन चालू हो सका तथा जाम में फंसे राहगीरों को राहत मिली।

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