देख लो शक्ल मेरी किसका आईना हूँ मैं…

  • मिस्कीन शाह वारसी का सालाना 4 दिवसीय उर्स शुरू

रूपा गोयल
बांदा। नरैनी रोड पर स्थित दरगाह मिस्कीन शाह वारसी का सालाना चार दिवसीय उर्स शनिवार से शुरू हो गया। उर्स के पहले दिन शनिवार की सुबह दरगाह में ग़ुस्ल और संदल की रस्म अदा की गई इसके बाद चादर पोशी चादर पोशी हुई इसके बाद कव्वालियों की महफ़िल सजी जिसमे कव्वाल पार्टियों ने कलाम सुनाए।
दोपहर में अलीगंज चौराहा स्थित स्वव सगीर हुसैन के आवास में शहज़ाद हुसैन वारसीय की तरफ से खानकाही महफ़िल सजाई गई जिसमें कव्वाल दिलबर ताज ने कलाम पढा, देख लो शक्ल मेरी किसका आईना हूँ मैं। यार की शक्ल हूँ , यार पे फना हूँ मैं। वकील साबरी ने कलाम सुनाया, बहश्त में भी पहुंच कर मुझे करार नहीं , ये कोई और जगह है मक़ामे यार नहीं।
शहज़ादे ने पढ़ा, अदम से लाई है हस्ती में आरजूए रसूल,, कहाँ कहाँ लिए फिरती है जुस्तुजूए रसूल। सैय्यद सरावां से आये कव्वाल अब्दुल हफ़ीज़ ने कलाम पढ़ा, इश्क में तेरे कोहे गम सर पे ले लिया जो हो सो हो, ऐशो निशाते ज़िंदगी छोड़ दिया जो हो सो हो।
इस खानकाही कव्वालियों के बाद स्वव सगीर हुसैन वारसीय के आवास से चादर जुलूस उठाया गया जो खानकाही कव्वालियों की धुनों के साथ अपने निर्धारित रास्ते से होता हुआ गूलर नाका स्थित मिस्कीन शाह वारसी की दरगाह के मुतवल्ली निज़ामुद्दीन फ़ारूकी के आवास पहुँचा मुतवल्ली के आवास में फिर एक बार खानकाही महफ़िल सजी इसके बाद ये चादर जुलूस गूलर नाके से उठकर नरैनी रोड स्थित मिस्कीन शाह वारसीय की दरगाह पहुँचा इसके बाद दरगाह में चादर चढ़ाई गई।
इस आयोजन में तमाम वारसी सिलसिले के मानने वालों के साथ साथ विशेष रूप से वारसीय एहराम पोश गुड्डन बाबा,कल्लन शाह वारसी, मलामत शाह वारसीय, मस्तान शाह वारसी, दरगाह के मुतवल्ली निज़ामुद्दीन फारूकी मौजूद रहे।

ADVT 2024 Gahna Kothi Jaunpur