इनके बिन सूनी गलियां हैं…

मुस्काती यह कलियां हैं
इनके बिन सूनी गलियां हैं।
कितनी फिक्र यह करती है
कुछ न मुख से कहती हैं।
कब पापा की परी बन गई बिटिया यह बड़ी बन गई।
इनके बिन घर सूना लगता इनके जाने से डर लगता।
छुई मुई बन गई अभी यह
शर्मीली बन रही अभी यह।
यह तो मेरी लाडो गुड़िया
तू है मेंरे प्यार कि पुड़िया।
हर बार बर्थडे आता है
खुद को दिल समझाता है।
कैसे कैसे बड़ी हो रही
मम्मी इसकी खड़ी रो रही।
प्यार में कितनी पली हुई है
लगता बिटिया बड़ी हुई है।
पढ़ लिख बेटी आगे बढ़ जा
घर परिवार रोशन कर जा।
तु जब कभी हुई नाराज
मान लिया मैं अपनी हार।
तेरे होठों कि मुस्कान लिए
बढ़ता है मेरा सम्मान यहां।
जन्म दिवस की बहुत बधाई
सबको बांटे खूब मिठाई। घर आंगन में मिष्टी का पहरा
उसकी हंसी से रिश्ता गहरा।
जिस पर कृपा करें रघुराई
उस पर ध्यान रखे सब भाई।
रामजी की कृपा निराली है
जिस घर में सच्चे माली है।
देवी प्रसाद शर्मा ‘प्रभात’
ब्यूरो चीफ तेजस टूडे आजमगढ़
मो.नं. 7008310396

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