एमएमडीपी किट वितरित करके फाइलेरिया मरीजों को सिखाया रोग प्रबन्धन का तरीका

अब्दुल शाहिद
बहराइच। विशेश्वरगंज में फाइलेरिया रोगियों के लिए “रोग प्रबंधन और विकलांगता निवारण” (एमएमडीपी) किट वितरण कार्यक्रम हुआ। इस पहल का उद्देश्य फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों को आवश्यक देखभाल सामग्री प्रदान करना और उन्हें प्रभावित अंगों की सफाई, संक्रमण की रोकथाम और सूजन को नियंत्रित करना था।
सीएचसी अधीक्षक डॉ प्रवीण पाण्डेय ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। इस बीमारी के लक्षणों में बुखार के साथ हाथ, पैर व महिलाओं के स्तन में भारी सूजन जैसी समस्याएं शामिल हैं।
इसे हाथीपांव भी कहते हैं और इसका कोई इलाज नहीं है लेकिन समय पर उचित देखभाल और स्वच्छता से इसकी जटिलताओं को नियंत्रित किया जा सकता है। कार्यक्रम के दौरान चिन्हित 34 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण किया गया जिसमें साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया आदि आवश्यक सामग्री शामिल थी।
फाइलेरिया निरीक्षक रतनेश ने इस किट के माध्यम से मरीजों को प्रभावित अंगों की उचित देखभाल करना सिखाया जिससे संक्रमण के जोखिम को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि समय पर उचित देखभाल नहीं होने से मरीज दिव्यांग बन सकते हैं।
बीसीपीएम धर्मेन्द्र मिश्रा ने कहा व्यायाम के दौरान यदि संतुलन बनाए रखने में कठिनाई हो तो दीवार या कुर्सी का सहारा लें, दर्द या असुविधा महसूस होने पर तुरंत चिकित्सक से सलाह लें।
जिला फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी दीपमाला ने बताया कि जनपद में हाथीपांव के 416 मरीज चिन्हित हैं जिनमें से 330 मरीजों को एमएमडीपी किट प्रदान की जा चुकी है। शेष मरीजों के लिए ब्लॉकों में कैंप आयोजित कर उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। कार्यक्रम में बीपीएम ममता मिश्रा, एनएमए मुबारक अली, डाटा ऑपरेटर हकीम खान, बैम मनोज गौढ़ सहित कई आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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