मो. परवेज
लालगंज, रायबरेली। स्थानीय क्षेत्र के गौरारूपई गांव में जमीनी विवाद को लेकर बीते दिनो हुई मारपीट में घायल वृद्ध की मौत हो गयी थी। बीती 22 जनवरी को गौरारूपई गांव में दो पक्षों के मध्य मारपीट हो गयी थी। जिसमें एक पक्ष से रामकिशन पासवान को गंभीर चोटे आयी थी।
जिसके चलते उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल तथा वहां से लखनऊ रेफर कर दिया गया था। रामकिशन का निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था जहां से रविवार को घर लाते समय उसकी मौत हो गयी। उसकी मौत से नाराज परिजनों ने कोतवाली के बाहर पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया। उन्होंने क्षेत्रीय दरोगा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पीड़ित पक्ष से ही मामले में कार्यवाही करने के नाम पर 15 हजार रूपये ले लिए थे।
शनिवार को मृतक के पुत्र को बुलाकर रूपये वापस भी कर दिए। परिजनों का आरोप था कि दरोगा की शह पर ही विपक्षी लगातार जमीन पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। शौचालय निर्माण कराते समय रोकने जाने पर किशन की पिटाई की गयी थी। मृतक के पुत्र रामकिशोर का कहना है कि उसकी मां की इतनी पिटाई की गयी थी उनके दोनो हांथ टूट गए हैं, उनमें प्लास्टर चढ़ा है।
आधा दर्जन से अधिक अन्य लोगो की पिटाई की गयी लेकिन उनका पुलिस ने मेडिकल तक नही कराया था। विवादित भूमि में सहखातेदार गांधी चौराहा निवासी दिव्या वर्मा पत्नी राकेश कुमार ने बताया कि जितनी बार तहसील दिवस में शिकायती पत्र दिए हर बार पुलिस ने बिना कोई कार्यवाही किए शिकायत निस्तारित दिखा दी।
यदि पुलिस प्रशासन ने शिकायत पर कार्यवाही की होती तो आज रामकिशन जीवित होते।मृतक की पुत्री सावित्री का आरोप है कि पुलिस आरोपितों को बचाने में जुटी है। कोतवाल संजय सिंह ने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद उसी अनुसार कार्यवाही की जाएगी।








