दूध व पानी जैसी होनी चाहिये मित्रता: अविचल महाराज

अमित त्रिवेदी
हरदोई। मित्रता दूध और पानी जैसी होनी चाहिए, वहीं मित्रता सुदामा जी की थी, कैसी विडंबना है कि आज लोग सुदामा से भीख मंगवाते हैं, जिसने प्रभु श्री कृष्ण से मित्रता होने पर भी कभी कुछ मांगा नही। विभिन्न रूपों में नृत्य करते हैं क्या ये हमारे सनातन धर्म की आस्था पर कुठाराघात नहीं है।
उक्त सारगर्भित संदेश न्यू सिविल लाइन नियर डीएम आवास पीडब्ल्यू ऑफिस के पास चल रही सप्त दिवसीय श्री मद भागवत कथा के सातवें समापन दिवस पर वृंदावन धाम से अविरल रसपान कराने को पधारे अविचल जी महाराज ने व्यक्त किए।
कथा व्यास अविचल जी महाराज ने भक्त जनों को चेताते हुए कहा कि यदि बहू से सम्मान चाहते हो तो किसी गरीब घर की संस्कारिक बेटी से विवाह करें और अपना सम्मान बरकरार रखें।
उन्होंने कहा कि कैसी विडंबना है कि सुदामा जी लोग भीख मंगवाते हैं जब कि प्रभु के भक्त होने पर भी उन्होंने कभी भी किसी से कुछ मांगा नहीं। कैसी विडंबना है कि लोग विभिन्न रूपों में झांकी प्रदर्शन कर नृत्य करवाते हैं, यह हमारे सनातन धर्म की आस्था पर खिलवाड़ नहीं तो क्या है। कथा व्यास ने श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं खासकर सुदामा जी की मित्रता का उल्लेख किया है।
मुख्य यजमान राजीव सिंह सोनी सिंह ने व्यास पूजन किया। इस अवसर पर कथा के मुख्य यजमान राजीव सिंह, सोनी सिंह, संजीव सिंह, आशुतोष सिंह, शुभम सिंह, प्रियम सिंह, प्रदीप त्रिवेदी, दीपक सिंह, सचिन मिश्रा, प्रदीप त्रिवेदी, बीजेपी नेता अविनाश मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश सिंह, संजय मिश्रा, बृजेश अवस्थी, राम किंकर बाजपेई, सुशील मिश्रा, हरिवंश सिंह, डॉ. प्रदीप सिंह चौहान, फोटोग्राफर नवल किशोर आदि ने पंडाल में बैठकर अद्भुत आनंद की अनुभूति प्राप्त की।

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