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महाकुम्भ के दौरान प्रतिदिन 4-5 लाख भक्त कर रहे हैं दर्शन
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जनवरी माह में 1.09 करोड़ श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन-पूजन
Varanasi News: प्रयागराज महाकुंभ के पलट प्रभाव का सबसे ज्यादा असर श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में देखा जा रहा है। काशी का हर कोना श्रद्धालुओं से भरा है। कुंभ स्नान शुरू होने के बाद से ही भारी संख्या में श्रद्धालु काशी के अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। रविवार को पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किया। जबकि महाकुंभ के प्रथम अमृत स्नान से लेकर अब तक 23 जनवरी से 31 जनवरी के बीच में 51 लाख 68 हजार श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किया है, जो 9 दिन की अवधि में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की अब तक के संख्या में सर्वाधिक है। विशेष तौर पर 28, 29, 30, 31 जनवरी को भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए मंदिर पहुंचे थे।
एक अनुमान के मुताबिक अब तक 1 करोड़ से अधिक भक्तों ने बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन कर चुके है। विशेष तौर पर मौनी अमावस्या के बाद श्रद्धालुओं की संख्या ने बीते सभी रिकार्ड को पीछे छोड़ दिया है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि जनवरी 2025 में काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 1 करोड़ 8 लाख 82 है, जो जनवरी माह में सर्वाधिक है। माना जा रहा है महाकुंभ के 45 दिनों में यह संख्या 2 करोड़ के आस पास पहुंच सकती है। हालांकि कई भक्त ऐसे भी हैं जो मंदिर में दर्शन के बजाए ही वापस लौट गए हैं। जब से महाकुंभ की शुरुआत हुई है। उसके बाद ही हर दिन काशी विश्वनाथ मंदिर में 4 से 5 लाख लोग दर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी के बाद भक्तों की इस संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। यह आंकड़ा 8 से 10 लाख तक पहुंच गया है। महाशिवरात्रि तक फिलहाल काशी विश्वानाथ के दरबार में भक्तों की ऐसी ही कतार देखने को मिलेगी।
बसन्त पंचमी के दिन मौनी अमावस्या जैसी तैयारी
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर सहित पूरे शहर में बसंत पंचमी के अवसर पर मौनी अमावस्या जैसी तैयारी रहेगी। इस दिन की संभावना जताई जा रही है कि प्रयागराज महाकुंभ में बसंत पंचमी स्नान के बाद भारी संख्या में श्रद्धालु काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में 3 फरवरी को लेकर भी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुगम दर्शन सहित आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई है। माना जा रहा है कि बसंत पंचमी पर बड़ी संख्या श्रद्धालु काशी विश्वनाथ पहुंचेंगे।
व्यवस्थाएं हैं चाक-चौबंद
श्रीकाशी में दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रशासन ने धाम में विशेष इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर में अतिरिक्त कार्मियों की तैनाती, स्वास्थ्य सुविधाएं और स्वच्छता के लिए अतिरिक्त प्रबंध किया है। ताकि दर्शनार्थी सुगमता से बाबा का दर्शन कर सकें। महाकुम्भ आयोजन के सफल संपन्न होने की दिशा में मंदिर प्रशासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। सभी से अपील है कि स्थानीय पुलिस, प्रशासन और मंदिर के निर्देशों का पालन करें और अन्य भक्तों का भी ध्यान रखते हुए संयम,भक्ति और श्रद्धा के साथ बाबा विश्वनाथ जी का दर्शन करें।
श्री काशी विश्वनाथ धाम में दर्शनार्थियों की संख्या का विवरण
1 जनवरी 2025ः 1,42,653 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
12 जनवरी 2025ः 3,19,381 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
13 जनवरी 2025ः 3,42,646 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
14 जनवरी 2025ः 3,61,275 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
15 जनवरी 2025ः 4,53,161 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
16 जनवरी 2025ः 3,25,737 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
17 जनवरी 2025ः 2,64,436 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
18 जनवरी 2025ः 2,41,251 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
19 जनवरी 2025ः 2,74,630 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
20 जनवरी 2025ः 2,51,693 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
21 जनवरी 2025ः 2,82,044 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
22 जनवरी 2025ः 3,78,821 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
23 जनवरी 2025ः 4,11,999 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
24 जनवरी 2025ः 4,27,882 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
25 जनवरी 2025ः 5,73,810 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
26 जनवरी 2025ः 5,57,669 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
27 जनवरी 2025ः 6,55,878 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
28 जनवरी 2025ः 5,83,251 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
3 सालों में 19 करोड़ से अधिक श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन
श्री काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालुओं की बढ़ती जा रही संख्या न केवल रोज नए रिकॉर्ड कायम कर रही है, बल्कि वाराणसी के व्यापार को भी आगे बढ़ा रही है। बीते 3 वर्षों में जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के विश्वनाथ धाम का लोकार्पण किया है तब से लेकर अब तक 19 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर लिए हैं। यह संख्या देश के अन्य पर्यटन स्थलों और धार्मिक स्थलों की तुलना में कहीं ज्यादा है।
Report: Suresh Gandhi