सब सिखन को हुकुम है, गुरू मानयो ग्रंथ…

  • धूमधाम से मना श्री गुरुग्रंथ साहब जी का समर्पित दिवस

  • गुरू का चला अटूट लंगर

अब्दुल शाहिद
बहराइच। जिले के ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री गुरुनानक सर ढडडी साहिब फखरपुर में आज सिखों के पवित्र ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को समर्पित दिवस बड़े प्यार और श्रद्धा से मनाया गया।
इसमें फखरपुर, मटेरा, डीहवा, निहालसिंह पुरवा, गौरा, धनौली, पयागपुर, बहराइच से आयी संगत ने गुरुघर में माथा टेका। गुरुद्वारा मुख्य सेवादार ज्ञानी हरजिंदर सिंह ने बताया कि 2008-09 गुरुद्वारा साहिब मिला जिसमें हस्तलिखित गुरुग्रंथ जी का स्वरूप मिला। जिले की संगत ने अपना सहयोग दिया और गुरुद्वारा स्थापित किया गया। इसी अवसर पर हर वर्ष जोड़ मेला के रूप में कार्यक्रम किया जाता है।
गुरुग्रन्थ साहिब जी का प्रथम प्रकाश अमृतसर साहिब में 5वें गुरु अर्जन देव जी द्वारा हुआ। रागी जत्था ने शबद कीर्तन से साथ संगत को निहाल किया। लखीमपुर से आए कथावाचक बाबा गुरविंदर सिंह ने संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का इतिहास बताया। गुरुद्वारे के हेडग्रंथी ज्ञानी जी ने सरबत के भले की अरदास की। उसके उपरांत गुरु का अटूट लंगर चला। इस अवसर पर तमाम लोगों की उपस्थिति रही।

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