कोशिश जायसवाल
महराजगंज, रायबरेली। स्थानीय विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत पूरे अचली में वित्तीय अनियमितता मिलने पर जहां ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिये गये, वहीं अनियमितता में शामिल पंचायत सचिव व सामग्री उपलब्ध कराने वाली फर्मों पर मेहरबानी लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व महराजगंज विकास खंड क्षेत्र के पूरे अचली ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितता की शिकायत की थी। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा जिलास्तरीय अधिकारियों की गठित जांच कमेटी के भौतिक सत्यापन में हैंडपंप मरम्मत में उपयुक्त सामान, ह्यूम पाईप खरीद व आफिस फर्नीचर खरीदने में ₹255234 की वित्तीय अनियमितता मिली।
जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने जांच कमेटी के वित्तीय अनियमितता की रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दी लेकिन अनियमितता में बराबर के सहभागी रहे ग्राम पंचायत सचिव पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई बिना पंचायत सचिव के वित्तीय लेनदेन संभव नहीं है। वहीं ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई गई सामग्री के सापेक्ष सप्लाई फर्मों द्वारा उपलब्ध कराई गई। सामग्री से अधिक का बिल बाउचर देकर सरकारी धनराशि खाते में लेकर सरकारी धनराशि का बंदरबांट कराने वाली फर्मो का भी कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।
यही नहीं, विकास खंड क्षेत्र की आधा दर्जन ग्राम पंचायतों में पूर्व में भी ग्रामीणों की शिकायतों पर जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में वित्तीय अनियमितता के ऐसे मामले उजागर हुए हैं लेकिन ग्राम प्रधानों व पंचायत सचिवों की ऊंची पहुंच व रसूख के आगे कार्रवाई लंबित है। विकास क्षेत्र की कुछ ग्राम पंचायतों में तो सामग्री किसी और फर्म ने उपलब्ध कराई लेकिन ग्राम प्रधान व पंचायत सचिव ने फर्जी बिल बाउचर लगाकर दूसरी फर्मों को भुगतान कर सरकारी धनराशि का बंदरबांट कर लिया। मामलों की शिकायतें भी हुईं, जांच भी हुई, वित्तीय अनियमितता भी मिली लेकिन जिला प्रशासन द्वारा दोहरा मापदंड अपनाते हुए कार्यवाही लंबित रखने से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिल रहा है।
ग्राम पंचायतों में सप्लाई करने वाली फर्मो द्वारा बिना सप्लाई दिए फर्जी बिल के सहारे सरकारी धनराशि खाते में लेकर सरकारी धनराशि का बंदरबांट कराने वाली फर्मों को चिन्हित कर कार्रवाई की आवश्यकता है जिससे भविष्य में ऐसे कृत्यों की पुनरावृत्ति भविष्य मे न हो। मामले में सीडीओ अर्पित उपाध्याय ने बताया कि वित्तीय अनियमितता में संलिप्त पंचायत सचिव के साथ ही सप्लाई करने वाली फर्मो को चिन्हित कर कार्यवाही की जायेगी।