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प्रधान ने लगाया कमीशनखोरी का आरोप
हिमांशु विश्वकर्मा/शमीम अहमद
मड़ियाहूं, जौनपुर। स्थानीय विकास खंड दलालों का अड्डा बना हुआ है। उत्पीड़िन के शिकार प्रधान ने अपनी मास्टर रोल की फाइल जलाई। इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।
खंड विकास अधिकारी द्वारा लगातार अत्यधिक मात्रा में कमीशन मांगे जाने का विरोध प्रधान द्वारा करना पड़ा महंगा जिसके लिए प्रधान अमिश सिंह ने मनरेगा कार्य के मास्टर रोल को जीरो कर दिया गया।
जब इसकी जानकारी प्रधान को हुई तो वह ब्लाक कर्मचारियों से जानना चाहा जिसके लिए ब्लॉक के जेई, एपीओ और वीडियो द्वारा कमीशन मांगा गया। इस वजह से प्रधान को अपनी फाइल नष्ट करना पड़ा जिसके बाद वहां के आपरेटर हौशला श्रीवास्तव से पूछा गया कि मास्टर रोल जीरो क्यों हो गया तो वह बताने लगे कि हमको नहीं पता। 9 दिन के बाद मास्टर रोल जीरो हो जाता है।
जब उनसे पूछा गया कि समय रहते क्यों फाइल कार्य नहीं किया गया तो इधर उधर बाते घुमाने लगे जिससे यह साफ समझ में आता है कि अधिकारी कमीशनखोरी के चक्कर में टाइम से फाइल पर कार्य नहीं करते जिसका नुकसान ग्राम प्रधान को उठाना पड़ता है।
प्रधान द्वारा पूछने पर बताया कि सबका कमीशन बंधा हुआ है। काम करवाने से पहले कमीशन देना पड़ता है। जो कमीशन नहीं पहुंचा पता, उसके मास्टर रोल को जीरो कर दिया जाता हैं जिसमें खंड विकास अधिकारी 10 प्रतिशत कमीशन लेते हैं।कुछ मानदेय पर कर्मचारी हैं जो 2 प्रतिशत जेई और एपीओ 2 से 6 प्रतिशत कमीशन मांगते हैं।
चाहे काम आप चाहे जितना अच्छा किए हो जिसके पास कमीशन देने के लिए नहीं होता, उनको चिन्हित करके मास्टर रोल जीरो कर दिया जाता है। प्रधान ने बताया की मडियांहू ब्लॉक भ्रष्टाचारियों का अड्डा बन चुका है।