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प्रशासक के कार्यकाल में हुआ भ्रष्टाचार, प्रशासक एवं पूर्व प्रधान ने किया बन्दरबांट
संदीप सिंह
प्रतापगढ़। मान्धाता ब्लाक में भ्रष्टाचार की जड़ काफी मजबूत हो चली है। पिछली पंचवर्षीय में पंचायती राज मिशन द्वारा लगभग 7 लाख रुपए खर्च कर जनता के लिए बनाए गये सामुदायिक शौचालय पूरी तरह से जर्जर हो चला है।
आश्चर्यजनक बात यह है कि इस सामुदायिक शौचालय का निर्माण कार्य में पूर्व प्रधान और प्रशासक दोनों ने मिलीभगत कर लूट-खसोट की आचार संहिता लागू होने के बाद भी प्रधान ने दो लाख रुपए की धनराशि निकाली, आचार संहिता लागू थी जिला प्रशासन चुनाव कराने में व्यस्त था पूर्व प्रधान और मान्धाता ब्लाक के प्रशासक सरकारी खजाने को चूना लगाने में व्यस्त थे।
यह जांच का विषय है तत्कालीन प्रधान, सेक्रेटरी और प्रशासक ने मिलकर गुणवत्ता विहिन कार्य करवाया और लगभग 7 लाख रुपए का खर्च दिखाकर अपनी जेब भर ली।चुनाव के बाद नवनिर्वाचित प्रधान ने जब सामुदायिक शौचालय का अनियमितता भरा काम देखा तो सामुदायिक शौचालय पर केयर टेकर और सफाई किट का खर्च इसलिए नहीं दिया कि गुणवत्ता विहिन कार्य है।
इस्तेमाल के समय जनता के लिए ख़तरनाक हो सकता है और जान-माल का नुक़सान हो सकता है, क्योंकि निर्माण के चंद माह बाद ही सामुदायिक शौचालय जर्जर अवस्था में आ गया था दरवाजा। टाइल्स सब टूटकर गिर पड़े हैं। ज्यादातर दरवाजे गायब है। स्वच्छ भारत अभियान कैसे सफल होगा, ब्लाक की स्वच्छता अभियान टीम भी इस सामुदायिक शौचालय की दुर्दशा को लेकर गंभीर नहीं है।
जनता भी खुले मैदान का सहारा लेने पर मजबूर हैं। यह वही सामुदायिक शौचालय है जिसका उद्घाटन 26 जनवरी 2021 को तत्कालीन कैबिनेट मंत्री के हाथों कराया गया था और अलग अलग तारीख पर लगभग 7 लाख रुपए निकाले गए और गुणवत्ता विहिन कार्य प्रशासक के कार्यकाल में कराए गए, मान्धाता ब्लाक में प्रशासक कार्यकाल के दौरान करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ है। प्रशासक और सेक्रेटरी ने मिलकर विकास कार्य के नाम पर सरकारी खजाने से जमकर पैसा निकाला है। इसकी जांच के लिए संबंधित विभाग ने नोटिस भी भेजा था लेकिन मामले को दबा दिया गया।








