भगवान प्रेम के भूखे हैंः कथा वाचक

रूपा गोयल
अतर्रा, बांदा। भगवान प्रेम के भूखे हैं। अहंकार परमात्मा का भजन है। भक्तों के बस भगवान तरह-तरह की लीलाएं करते हैं। ईश्वर को पाने का प्रेम ही आधार है। उक्त बातें गौरा बाबा धाम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा की 5वें दिन कथा व्यास श्रवण शास्त्री ने भगवान की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा।
कस्बे के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौरा बाबा धाम में अनंत राम त्रिवेदी सिया दुलारी की स्मृति में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के 5वें दिन पर कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का दर्शन करते हुए कहा कि भगवान तो भाव के भूखे हैं ईश्वर को पाने का प्रेम ही आधार है। भगवान भक्त ऋषि संतों के प्रेम बस विविध अवतार लेकर लीलाएं करते हैं और अपने भक्तों को सुख देते हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा का अहंकार भोजन है। जब इंद्र को अहंकार हो गया तो भगवान ने गोवर्धन को अपनी अंगुली से उठा लिया।
श्री शास्त्री ने कहा कि परमात्मा तो भक्तों के वश में है। भक्तों के भाव बस परमात्मा तरह की लीलाएं करते हैं। गांव ब्राह्मण ऋषि संतों के उद्धार के लिए जगत में विविध अवतार लेकर आते हैं और भक्तों का कल्याण करते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान रूबी त्रिवेदी, विमल त्रिवेदी, प्रकाश त्रिवेदी, अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव, राज नारायण मिश्रा, रंगनाथ गर्ग, शाहिद सहित सैकड़ों लोगों ने कथा का रसपान करके पूर्ण लाभ अर्जित किया।

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