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तहसील परिसर में जमकर काटा हंगामा, कहा— अधिवक्ताओं के स्वतंत्रता पर लगाया गया ग्रहण
अनुभव शुक्ला
सलोन, रायबरेली। अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 को लेकर जिले के सलोन तहसील के अधिवक्ताओं में काफी आक्रोश दिखा है बृहस्पतिवार को सलोन तहसील सभागार में आपातकालीन एक बैठक आयोजित हुई जिसमें सरकार द्वारा पारित अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 की धारा 35 ए व अन्य धाराओं के संशोधन पर विस्तृत चर्चा की अधिवक्ताओं ने इस विधेयक से अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता खत्म होने का अंदेशा जताते हुए अधिकताओं ने सर्वसम्मत से विधेयक को वापस लिए जाने की और तहसील के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए अनिश्चितकाल तक न्यायिक कार्य से विरत रहने का निर्णय लिया है।
इस दौरान अधिवक्ताओं ने तहसील परिसर, न्यायालय परिसर व कार्यालय के सामने घूम-घूम कर प्रदर्शन करते हुए अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। इसके बाद जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी सलोन को सौंपा।
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लालता प्रसाद यादव ने कहा कि केंद्रीय सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन विधेयक 2025 पारित करते हुए अधिवक्ताओं के खिलाफ कई टिप्पणी की गई हैं। उन्होंने इसे काला कानून बताते हुए सरकार द्वारा वापस लिए जाने की बात कही।इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत सिंह, गिरजेश मिश्रा, लालता प्रसाद यादव, उमेश त्रिपाठी, रामानुज पांडेय, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, प्रवीण त्रिपाठी सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।