संदीप सिंह
प्रतापगढ़। धर्म एवं राष्ट्र हित के कार्यों में लीन रहने वाली जनपद प्रतापगढ़ की प्रखर संस्था जांबाज़ हिंदुस्तानी सेवा समिति के महाकुंभ कैंप में तपस्वी छावनी अयोध्या के पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी परमहंस आचार्य जी पहुंचे। उन्होंने समिति द्वारा महाकुंभ पर्व में किए गए सेवा कार्यों की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि आज हर सनातनी को जांबाज़ बनने की जरूरत है। उन्होंने बांग्लादेश और पाकिस्तान सहित भारत के विभिन्न राज्यों में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता जाहिर करते हुए हिंदुओं को एकजुट होने की बात कही।
इस दौरान समिति को दिए अपने आशीर्वचन में जगद्गुरु परमहंस आचार्य ने कहा कि आज जब सम्पूर्ण विश्व की निगाहें प्रयागराज में आयोजित विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले की ओर लगी हैं। ऐसे में सनातन धर्म हेतु कार्य करने वाली संस्थाओं का दायित्व और बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के पर्व में अनेकों संस्था अच्छा सेवा कार्य कर रही हैं किंतु जांबाज़ हिंदुस्तानी सेवा समिति के सेवा कार्य निश्चित रूप से प्रशंसनीय हैं। आज विश्व महाकुंभ के इस दिव्य आयोजन की सराहना इसलिए कर रहा है, क्योंकि अनेकों संस्थाएं इस महाकुंभ में जो निःस्वार्थ भाव से कार्य कर रही है, वह अचंभित रहने वाला है।
जांबाज़ हिंदुस्तानी सेवा समिति के धार्मिक विंग जांबाज़ अखाड़ा परिषद द्वारा महाकुंभ में अनवरत भंडारा, वीर हुतात्माओं हेतु हवन यज्ञ, पालघर के संतों को न्याय हेतु प्रखर आवाज, वीर हुतात्मासों को समर्पित विशाल चित्र प्रदर्शनी सहित अनेकों कार्यों की जगद्गुरु ने मुक्त कंठ से प्रशंसा की। उन्होंने जांबाज़ अखाड़ा परिषद को हर संभव सहयोग एवं मार्गदर्शन की बात भी किया। स्वागत संबोधन में समिति के अध्यक्ष आलोक आजाद ने जगद्गुरु द्वारा धर्म एवं राष्ट्र हेतु किए गए प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि संतों के चरण रज जिस स्थान पर पड़ जाते हैं, वह हर स्थान ईश्वरीय वरदान प्राप्त कर लेता है। उन्होंने कहा कि आज जगद्गुरु के आगमन से समिति धन्य हो गई हैं।
इसके पहले जगद्गुरु परमहंस आचार्य जी का स्वागत समिति के कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर किया। समिति के अध्यक्ष आलोक आजाद की पुत्री तनु एवं मनु ने जगद्गुरु के समक्ष राम कथा का संगीतमय वाचन कर उनको भाव—विभोर कर दिया। वहीं 5 वर्षीय बालिका परी ने भी अपने संस्कृत श्लोकों को सुनाकर जगगुरु को मंत्र मुग्ध कर दिया। जगद्गुरु ने कहा कि इन बच्चियों को इनके परिवार द्वारा प्रदत्त संस्कार अनुकरणीय हैं और हर सनातनी परिवार को अपने बच्चों को ऐसे ही अच्छे संस्कार देकर धर्म शिक्षा देनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन समिति के उपाध्यक्ष आलोक तिवारी ने किया।
कार्यक्रम का समापन समिति के शंखनादी प्रकोष्ठ द्वारा दिव्य शंखनाद से हुआ। इस अवसर पर जांबाज़ अखाड़ा के पीठाधीश्वर बाबा श्याम संगम दास, मंडल अध्यक्ष राकेश सिंह, शंखनादी प्रकोष्ठ के मंडल अध्यक्ष योगेंद्र दुबे, विनोद मिश्र, नन्हें शंखनादी, प्रदीप मिश्रा, अजय मिश्रा, नीलम मिश्रा, अमिता मिश्र समेत तमाम लोग मौजूद रहे।