आख़िरी दम तक कोशिश करनी है

आख़िरी दम तक कोशिश करनी है

कर्तव्य करते हैं तो इंसान को या
तो सफलता मिलती है या तजुर्बा,
दोनों ही स्थितियाँ बहुत अच्छी हैं,
आख़िरी दम तक कोशिश करनी है।

सफलता मिली, दुनिया आपके
साथ आने को आतुर हो जाएगी,
असफलता मिली तो जो साथ थे,
वह उन्हें भी आपसे दूर ले जाएगी।

जीवन की जरूरतें पूरी नहीं होती,
इसलिये उन पर नियंत्रण रखना है,
सीमित संसाधन, सीमित जरूरतें,
मन मस्तिष्क को सुकून मिलता है।

विपत्ति में यह गुण साथ देते हैं,
ज्ञान, विनम्रता, बुद्धि, साहस,
सदकर्म, सत्य वचन व ईश्वर में
पूर्ण आस्था और पूर्ण विश्वास।

इन गुणों वाला व्यक्ति जीवन में
कभी निराश नहीं होने पाता है,
आदित्य उसे सफलता मिलती है,
या फिर अच्छा तजुर्बा मिलता है।

डा. कर्नल आदिशंकर मिश्र ‘आदित्य’
जनपद—लखनऊ

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