फरवरी महीने के अंतिम सप्ताह में एक बार फिर से मौसम का परिवर्तन होने जा रहा है और तापमान इस समय एक बार फिर न्यूनतम 17 डिग्री से घटकर 12 से 14 डिग्री सेल्सियस रहेगा और अधिकतम तापमान भी 30 डिग्री सेल्सियस से घटकर 26 से 28 डिग्री सेल्सियस हो जाएगा यह खेती-बाड़ी और फसलों के लिए बहुत लाभदायक होगा। वायु गुणवत्ता सूचकांक में भी 21 फरवरी से 28 फरवरी तक बहुत सुधार होगा और 300 से 350 से गिरकर 100 से 200 के बीच स्थिर हो जाएगा इस बीच हवा की दिशा मुख्य रूप से पश्चिम और हवा की गति 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी हवा में और मौसम में ठंड जारी रहेगी।
जैसा कि हमारे केंद्र द्वारा पहले भी बताया गया था कि इस वर्ष पहली बार ऐसा होगा जब बहुत साल के बाद फरवरी में जौनपुर और आसपास एक बूंद भी वर्षा नहीं होगी। दो-तीन बार मध्य घने बादल होंगे लेकिन फिर भी वर्षा नहीं होगी, इसलिए सिंचाई की आवश्यकता रहेगी। वायुमंडल और वातावरण में स्थिरता के साथ प्रदूषण की मात्रा बहुत कम रहेगी और पीएम 2.5 और 10 की मात्रा भी कम होने से हवा की गुणवत्ता बहुत अच्छी रहेगी और यह स्वच्छ और ताजगी भरी रहेगी। इसमें 5 मार्च से फिर से प्रदूषण बढ़ेगा।
सूर्य की किरणों से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें अर्थात पराबैंगनी किरण की तीव्रता एक बार घटेगा यह पहले के 5 से 7 के मुकाबले 2 से 4 के बीच आ जाएगी इसलिए धूप नुकसान नहीं करेगी घूमने टहलने का या सर्वोत्तम मौसम होगा। वायुमंडल में सापेक्षिक आद्रता 35 से लेकर 70% के बीच रहेगी यह भी फसलों और जीव जंतुओं के लिए लाभदायक रहेगी आसमान अधिकतर स्वच्छ रहेगी।
फरवरी के अंतिम कालखंड में जहां हिमालय के उत्तरी क्षेत्र से लेकर अरुणाचल प्रदेश में हिमपात आंधी तूफान और वर्षा की संभावना रहेगी वहीं दक्षिण भारत में भी मौसम में तेज हवा के साथ-साथ कई स्थानों पर वर्षा होगी लेकिन ज्यादातर शेष भारत महाराष्ट्र मध्य प्रदेश गुजरात उत्तर प्रदेश बंगाल बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान दिल्ली पंजाब हरियाणा का मौसम सूखा और साफ रहेगा। जहां तक संपूर्ण विश्व के मौसम की बात है तो उसमें उत्तरी अमेरिका, यूरोप, सोवियत संघ, चीन, जापान में भयंकर ठंड और बर्फबारी कायम रहेगी। यहां पर प्रचंड बर्फ के तूफान और अनेक प्राकृतिक आपदाएं तथा कहीं-कहीं चक्रवाती र्ती वर्षा होगी यहां पर तापमान शून्य से लेकर माइंस 50 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।
अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका में मौसम शांत रहेगा। दक्षिणी अमेरिका, दक्षिणी पूर्वी एशिया, प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में भयंकर मौसम के साथ आंधी तूफान चक्रवात भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट की संभावना है। यहां पर एक या दो प्रचंड भूकंप आ सकते हैं। भारत में हल्के मध्य भूकंप आने की संभावना दिल्ली सहित आस—पास हिमालय क्षेत्र गुजरात महाराष्ट्र के कुछ भूभागों में और असम में है लेकिन यह ज्यादा विनाशकारी नहीं होगा। यह रेक्टर स्केल पर 3 से लेकर 6 के बीच रहेगी जबकि दक्षिण अमेरिका प्रशांत और अटलांटिक क्षेत्र में एक भयानक भूकंप रिक्टर स्केलपर 6 से 8 के बीच आ सकता है।
मार्च के प्रारंभ से ही मौसम भारत और पूरे विश्व में बिगड़ने लगेगा और अनेक भयंकर परिवर्तन होंगे जिसमें आंधी तूफान चक्रवात प्रचंड ज्वालामुखी विस्फोट और कुछ भयंकर भूकंप से दुनिया में हाहाकार मच जायेगा। मार्च महीना भारत और विश्व के लिए बहुत ही उथल-पुथल और हलचल से भरा होगा इस कालखंड में धरती आकाश और महासागरों में हर जगह प्रचंड विभीषिका उथल-पुथल विनाश और सुनामी लहरों का खेल चलेगा और मार्च महीने में भयंकर बीमारियां प्राकृतिक आपदाएं जीवाणु और विषाणु तथा पक्षियों पशुओं के द्वारा पैदा होंगे और अनेक नए रोग बीमारियां भी उत्पन्न होंगे प्रचंड आंधी तूफान चक्रवात का बोलबाला रहेगा।
डा. दिलीप सिंह
मौसम विज्ञानी—ज्योतिष शिरोमणि