Home UTTAR-PRADESH राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम में जनपदस्तरीय मेगा शिविर आयोजित

जितेन्द्र सिंह चौधरी
चोलापुर, वाराणसी। उत्तर प्रदेश राज्य एड्स नियंत्रण समिति के अंतर्गत जिला वाराणसी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर में व्यापक सेवाएं प्रदान किए जाने हेतु मेगा कैंप का आयोजन हुआ। शिविर का उद्घाटन अधीक्षक डॉ आरबी यादव ने फीता काटकर एवं दीप प्रज्वलित कर किया। शिविर का मुख्य थीम एचआईवी नेगेटिव एट रिस्क क्लाइंट थी।
शिविर में जिला पंचायत अधिकारी, जिला समाज कल्याण, जिला श्रम अधिकारी, महिला बाल विकास परियोजना एवं खंड विकास अधिकारी ने अपने विभाग का स्टाल लगाकर जन समुदाय को जागृत करने का कार्य किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ पीयूष राय ने कहा कि एचआईवी के प्रसार को जन जागरूकता के माध्यम से रोका जा सकता है तथा प्रारंभिक अवस्था में ही एचआईवी की पहचान होने से इसका इलाज आसान होता है।
अधीक्षक डा. आरबी यादव ने बताया कि एचआईवी के फैलने का मुख्य कारण यौन संपर्क, संक्रमित व्यक्ति के रक्त के संपर्क में आना, निडिल को साझा करना, संक्रमित खून चढ़ाना, स्वास्थ्य कर्मियों को नीडल स्टिक इंजरी एवं मां से शिशुओं को होते हैं। इसका प्रारंभिक लक्षण सर्दी, जुखाम, बुखार, ग्रंथियां में सूजन, जोड़ों का दर्द, थकान इत्यादि होता है। इससे बचने के लिए सही समय पर मेडिकल केयर लेना जरूरी है। यह व्यक्ति को छूने, साथ खाना खाने एवं आपस में बात करने से नहीं फैलता है।
कैंप में एचआईवी, सिफलिस एवं छह रोग का जांच किया गया। साथ ही यौन संचारित रोगों की दवा को निशुल्क वितरित किया गया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चोलापुर से डा. जितेंद्र यादव, डा. आकांक्षा सिंह, डा. गायत्री सिंह, डॉ अर्चना सिंह, डा. अमित जैन, डॉ प्रतिभा गुप्ता, डॉ अमित सिंह, एएनएम ट्रेनिंग सेंटर की प्रिंसिपल डा. कंचन राय के साथ क्षेत्र की सभी आशा बहनें, एएनएम, सीएचओ आदि ने कैंप में प्रतिभाग किया।
मेगा कार्यक्रम के सफल आयोजन में दिशा वाराणसी मंडल के मंडल कार्यक्रम प्रबंधक मनीष सिंह, क्लीनिकल सर्विस ऑफिसर पूनम गुप्ता, डीएमडीओ चेतन श्रीवास्तव, वाराणसी जिले में संचालित आईसीटीसी पीपीटीसीटी सुरक्षा क्लीनिक, संपूर्ण सुरक्षा केंद्र सेंटर के परामर्शदाता लैब टेक्नीशियन, जनपद में सेवा प्रदान कर रहे टीआई उमाकांत सर्विस फाउंडेशन, प्रगति पथ फाउंडेशन प्रगति भारत के परियोजना प्रबंधक सीएससी, ओएससी ओएसटी सेंटर की प्रमुख भूमिका रही।








