संदीप सिंह
प्रतापगढ़। प्रभु श्रीकृष्ण के महान कृपा प्राप्त होने पर पवित्र ग्रन्थ श्रीमद् भागवत कथा वाचन मदन मोहन मिश्रा के मुखार बिंदु से मुख्य यजमान चंद्र पाल सपत्नी चंद्रावती को चारों धाम की यात्रा करने के बाद प्रभु की कृपा से 20 फरवरी गुरुवार कलश यात्रा एवं बेदी पूजन हुआ। तत्पश्चात श्रीमद् भागवत महात्म्य 21 फरवरी शुक्रवार ध्रुव चरित्र, जड़ भरत, परीक्षित संवाद, 22 फरवरी शनिवार प्रहलाद चरित्र, 23 फरवरी रविवार को कृष्ण जन्मोत्सव एवं सोहर गीत, 24 फरवरी सोमवार को श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं की सुन्दर कथा का वर्णन सुनकर भक्त धन्य हो गये।
मदन मोहन मिश्रा ने श्रीकृष्ण के जन्म और उनकी बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। पुताना जब भगवान कृष्ण को दूध पिलाने चली तो कृष्ण ने आँखों को बंद कर लिया, फिर विष लगा हुआ दूध पी लिया, फिर पूतना ने जोर जोर से चिल्लाने लगी परन्तु भगवान श्रीकृष्ण ने पूतना के स्तन को नहीं छोड़ा। अंत में उसकी मृत्यु हो गई।
कथा को सुनकर सभी भक्त मंत्र—मुग्ध हो गए। महराज जी ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का महत्व धार्मिक ग्रंथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। व्यास जी ने कहा कि कि जब मौत का समय आता है तब आपके द्वारा किया गया बुरा काम आपको याद आएगा, शरीर में दर्द होगा, आपको पुर्ण कर्मो को याद करोगे। आप अच्छा कार्य करेंगे तभी आपके अंतिम समय में कोई रोने वाला होगा। कथा में भगवान विष्णु के विभिन्न अवतारों और उनकी लीलाओं का वर्णन है, जो भक्ति और ज्ञान प्रदान करता है। मन को शांति:कथा सुनने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक विचारों का संचार होता है, पारिवारिक एकता बनी रहती है। कथा का प्रारम्भ 20 से 26 फरवरी को कथा का विश्राम होगा।स्वागताकांक्षी चंद्रबली, अमरनाथ, ताड़केश्वर, श्रवण, शेषमणि, हीरा लाल, जवाहर लाल, विजय, सागर, गुलाब, बाल गोविन्द, जतिन चतुर्वेदी पत्रकार, कपिलेश्वर ज्योतिषाचार्य शेषनाथ प्रवक्ता, शिवा, विवेक, उत्तम दास कथा वाचक, शिवम्, संतोष, दीपक, कनक, अनमोल, दीपराज, पार्थ, समस्त चतुर्वेदी सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।