क्या लेकर साथ आये थे हम,
क्या लेकर साथ जायेंगे हम,
पैसा पैसा पैसा करते हरदम,
बताओ कितना कमायेंगे हम।
जीवन में बड़ा आदमी बनने की नहीं,
आदमी बनने की फ़िक्र होनी चाहिये,
अपने आप ही हम बड़े आदमी बन
जाएंगे और बड़ा नाम भी कमायेंगे।
पर आदमी बनने के लिये कठिन
परिश्रम, ईमानदारी, विवेक के
साथ सब अवरोधों को दूर कर
लक्ष्य तक पहुँचा जा सकता है।
कोई कितना भी बड़ा बुद्धिमान हो,
उसकी चाहे कितनी भी पहुँच हो,
उसके मन मुताबिक़ अवसर हों,
उसके ये तीन गुण काम आते हैं।
सफलतम व्यक्ति के लिए वस्तुतः
आदित्य कठिन परिश्रम, ईमानदारी
व विवेक शीलता ही सबसे सफल
साधन उसको ऊँचाई पर ले जाते हैं।
डा० कर्नल आदि शंकर मिश्र,
‘विद्या वाचस्पति’
जनपद—लखनऊ








