केकरा से करी दिल कै बतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
करिहा न एनकर दुर्गतिया हो,
आवा हटावा ई बिपत्तिया।
एनही की गोंदिया में दुनिया झूलत बा,
सबके अँगनवाँ में फुलवा खिलत बा।
लड़किन कै करा न सँसतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
केकरा से करी दिल कै बतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
करा न एनकर दुर्गतिया हो,
आवा हटावा ई बिपत्तिया।
चिन्हि-चिन्हि मारा मत गरभवा में बेटी,
टूटी जाई ऐंठन, बघारा मत शेखी।
अरे, फाटेलै माई कै छतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
केकरा से करी दिल कै बतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
करा न एनकर दुर्गतिया हो,
आवा हटावा ई बिपत्तिया।
शिक्षा कै सीढ़िया चढ़ाई ऊ गगनवां,
दानव-दहेज कै मरोडिहैं गर्दनवाँ।
अरे, देशवा कै बदली सुरतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
केकरा से करी दिल कै बतिया हो,
बेटी बाटिन धरती कै सँसिया।
करा न एनकर दुर्गतिया हो,
आवा हटावा ई बिपत्तिया।
रामकेश एम. यादव
‘सरस’ मुम्बई।