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दहेज उन्मूलन प्रथा, महिला शिक्षा एवं स्वास्थ्य समस्या, नशा मुक्ति, शिविर का मुख्य उद्देश्य: डा. श्वेता
मुकेश तिवारी
झांसी। राष्ट्रीय सेवा योजना बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी इकाई द्वितीय और पंचम द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय विशेष शिविर के दूसरे दिन कुम्हार का कुआं गांव में दहेज और नशा के दुष्प्रभाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए रैली का आयोजन हुआ।
रैली का नेतृत्व दोनों इकाइयों के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय और डॉ प्रशांत मिश्र ने किया। इकाई द्वितीय की कार्यक्रम अधिकारी डॉ श्वेता पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतर्गत हर साल सप्त दिवसीय विशेष शिविर का आयोजन ग्रामीण क्षेत्र में किया जाता है जहां स्वयंसेवक ग्रामीण क्षेत्रों में रह कर स्वयंसेवक वहां की स्थिति और रहन-सहन को सीखते हैं एवं उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं।
डॉ. पाण्डेय ने बताया कि इस शिविर में दहेज उन्मूलन प्रथा, महिला शिक्षा एवं स्वास्थ्य समस्या, नशा मुक्ति, एड्स जागरूकता, पढ़े विश्वविद्यालय–बढ़े विश्वविद्यालय और मानसिक स्वास्थ्य को रखा गया है। कार्यक्रम अधिकारी इकाई पंचम डॉ प्रशांत मिश्र ने बताया कि आज के कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय सेवा योजना ध्येय गीत से हुई और स्वयंसेवकों ने सबसे पहले सफाई की। बौद्धिक सत्र के तहत स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय सेवा योजना का महत्व, कार्यक्रमों और योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई। यह कार्यक्रम 4-10 मार्च 2025 तक आयोजित किया जाएगा।
साथ ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जहां स्वयंसेवक यश ने बताया कि दहेज आज एक बड़ी बीमारी बन चुकी है। दहेज के लोभ में महिलाओं को कई तरह से यातनाएं दी जाती हैं। साथ ही नशा समाज के लिए बहुत ही घातक हो गया है। यह नशा चाहे मोबाइल के उपयोग का हो या किसी दवा को लेना। उन्होंने कहा कि कुम्हार का गांव में आज रैली निकाल कर लोगों को नशा और दहेज के दुष्परिणाम के प्रति जागरूकता किया गया और नशा नहीं करने तथा दहेज नहीं लेने की शपथ दिलाई गई।
इस अवसर पर डॉ अजय गुप्ता, गजेंद्र सिंह, शोधार्थी रेखा आर्या, स्वयंसेवक यश, पायल, फैशल उस्मानी, दीपिका, प्रिय, वंश, श्रुति, यश, काजल, कामिनी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।











