गौशाला का पैसा सचिव व प्रधान मिलकर खा जाते हैं!

  • भूख-प्यास से तड़पती गौवंश, ग्रामवासियों ने जतायी नाराजगी

अब्दुल मोबीन सिद्दीकी
उतरौला (बलरामपुर)। जनपद के गैड़ास बुजुर्ग विकास खंड के ग्राम पंचायत नगवा में, मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट बनता जा रहा मौत का घर। इलाज व भूख-प्यास देखभाल के आभाव मे गौशाला में गोवंश की हो रही मौत। ग्रामवासी बताते हैं कि ग्राम पंचायत नगवा गौशाला मे आए दिन जानवरों की होती रहती है मौत। मरने वाले जानवरों को फेंक दिया जाता जिनको कुत्ते नोच कर खाते हैं। उठने वाले दुर्गंध से आस—पास के लोगों का जीना मोहाल रहता। शासन स्तर पर जानवरों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही जानवरों के लिये लेकिन ये योजनाएं विकास खंड गैड़ास बुजुर्ग के ग्राम पंचायत नगवा मे बने गौशाला में दम तोड़ देती है।
विकास खंड अधिकारी गैड़ास बुजुर्ग द्वारा समय—समय पर इनका निरीक्षण भी किया जाता है, वरना तस्वीर शायद कुछ और भयानक नजर आती। सचिव कभी—कभार गौशाला जाते हैं। झिन्कन, शेषराम, राम लखन, परमवीर, अनील, सहित दर्जनों ग्रामवासियों ने बताया कि गौशाला के लिए आने वाला पैसा सचिव व प्रधान मिलकर खा जाते हैं। जानवरों के इलाज के लिए तैनात किए गए डाक्टर कभी—कभार ही गौशाला में जाते हैं। ग्रामवासी बताते हैं कि गोवशों के लिए हरे चारा का कोई इंतजाम नहीं किया गया।
सूखा भूसा खिलाकर जानवरों का पेट भरा जाता है। समय-समय पर पानी भी नहीं मिलता है और न ही समय पर जानवरों का इलाज होता है। इसी वजह से गोवंश दम तोड़ रहे।बता दें कि गौशालाओं में जानवरों की जिंदगी बदतर होती जा रही है। इन जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ कागजों पर ही सिमट कर रह जाती है। इस संबंध में उपजिलाधिकारी उतरौला अवधेश कुमार ने कहा कि कार्यवाही के लिए विडियो को निर्देशित किया गया है।

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