अमित त्रिवेदी
हरदोई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को सीएसएन पीजी कॉलेज में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद ने कॉलेज की छात्राओं से शक्ति संवाद किया। ‘पड़ेगी बेटी, बढ़ेगी बेटी’ की थीम पर आधारित कार्यक्रम में छात्राओं ने जिलाधिकारी से प्रश्न पूछे जिनका जिलाधिकारी ने जवाब दिया। कार्यक्रम क़ी शुरुआत से पूर्व जिलाधिकारी व अन्य अतिथियों ने सरस्वती प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये तथा दीप प्रज्ज्वलित किया। उन्होंने कॉलेज के संस्थापक बाबू मोहन लाल वर्मा क़ी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
जिलाधिकारी ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर होना चाहिए जिससे वे अपने निर्णय स्वयं ले सकें। अपने अंदर से लाचारी का भाव निकाल दें। सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत सी कल्याणकारी योजनाएँ चलाई हैं।कॉलेज की शिक्षिकाएं महिला सशक्तिकरण का प्रमाण है। सभी छात्राएं मन लगाकर पढ़ाई करें। मेहनत का कोई विकल्प नहीं है।
अपने माँ-बाप का नाम रोशन करें। उन्होंने छात्राओं को पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी रूचि त्रिवेदी के परिश्रम का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि आज बेटी के पैदा होने पर सरकार भी सहयोग दे रही है। इन योजनाओं के बारे में जानें और समाज के अन्य लोगों को भी बताएं। उन्होंने सभी को आज के दिन नारी सशक्तिकरण की शपथ लेने को कहा। उन्होंने बताया कि कॉलेज में एक हॉल के निर्माण का प्रयास किया जा रहा है। कॉलेज की चहारदीवारी के वृक्षारोपण भी कराया जायेगा।
संवाद कार्यक्रम के दौरान एक छात्रा को जवाब देते हुए कहा कि गंदगी पोशाक में नहीं बल्कि गंदगी कुछ लोगों के दिमाग़ में होती है। ये मत सोंचे कि लोग आपके बारे में क्या सोचते हैं बल्कि यह सोंचे कि आप अपने बारे में क्या सोचते हैं। एक छात्रा ने पूछा कि राजनीति व अर्थ जगत में महिलाओं की भागीदारी कम क्यों है।
इस प्रश्न के जवाब में कहा कि काफ़ी तेजी से बदलाव आ रहा है। जल्द ही संसद व विधानसभाओं में भागीदारी बढ़ेगी। जनपद में उच्च स्तर के कई अधिकारी महिला ही हैं। विकसित भारत के संकल्प में महिलाओं को भी भागीदार बनाया गया है। महिलाओं की जागरूकता से महिला उत्पीड़न की घटनाओं में कमी आयी है।
सफल महिलाओं को अपना आदर्श बनायें। एक बच्ची ने पुछा कि महिला प्रधानों के निर्णय प्रतिनिधियों द्वारा लिए जाते हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि महिला प्रधानों को मजबूती प्रदान करने के लिए जनपद में काफ़ी प्रयास किया गया है। इसके लिए महिलाओं को खुद भी सक्षम बनना होगा। उन्हें भी अपने दायित्वों के बारे में जानना होगा।
एक बच्ची ने एसिड अटैक को लेकर पूछे गए प्रश्न को लेकर कहा कि इसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। ऐसे मामलों में कठोर दंड दिया जाता है। रानी लक्ष्मी बाई योजना के अंतर्गत सरकार सहायता देती है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अनजान लोगों से दोस्ती से बचने को कहा। जिलाधिकारी ने जनपद में महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाये जा रहे क़दमों के बारे में बताया। उन्होंने संवाद कार्यक्रम में भाग लेने वाली 5 छात्राओं को घड़ी भेंट की।
कॉलेज के प्राचार्य कौशलेन्द्र सिंह ने बताया कि यह कार्यक्रम छात्राओं को समर्पित है। आज आधी आबादी परिवार व समाज के निर्णय लेने में अपना योगदान कर रही है। कॉलेजों में छात्राओं की संख्या बढ़ी है। कॉलेज में शिकायत के लिए पिंक बॉक्स लगाया गया है। बच्चियों को सुरक्षा के लिए कॉलेज निःशुल्क ताईक्वांडो सिखाया जाता है।
कॉलेज में वाचनालय बनाया गया है। कॉलेज से बड़ी संख्या में छात्राएं यूजीसी नेट की परीक्षा पास कर रही हैं। नये सत्र से स्नातक स्तर पर गृह विज्ञान की पढ़ाई करायी जाएगी।एक एंटी रैगिंग सेल भी बनाई गयी है जिसके लिए एक राष्ट्रीय टोल फ्री नम्बर 18001805522 निर्धारित है। विशाखा गाइड लाइन के तहत भी कॉलेज में एक सेल स्थापित है।
उन्होंने कॉलेज में सुविधाओं के विस्तार के लिए जिलाधिकारी का आभार जताया।
जिला प्रोबेशन अधिकारी ने कन्या सुमंगला आदि योजनाओं क़ी जानकारी दी। उन्होंने महिला हेल्पलाइन(1090), चाइल्ड हेल्पलाइन(1098) व सी बॉक्स सुविधाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि दहेज़ प्रतिषेध का कानून लागू है जिसने दहेज़ लेना व देना अपराध है।
घरेलू हिंसा अधिनियम व पोक्सो ऐक्ट नारी शक्ति को मजबूती देता है। अन्त में जिलाधिकारी ने छात्राओं को दहेज़ मुक्ति व नशा मुक्ति की शपथ दिलायी। इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य उषा गंगवार सहित कॉलेज के तमाम शिक्षक—शिक्षिकाओं की उपस्थिति रही।











