Home JAUNPUR Jaunpur News: नारी तू नारायणी… न्याय, शिक्षा व समाज की अनूठी मिसाल
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महिला दिवस पर अपने संघर्षों की बयां कीं कहानियां
अरविन्द यादव
केराकत, जौनपुर। देश भर में शनिवार को विश्व महिला दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। हर कोई अपने तरीके से इस पल को याद किया। टीवी हो या मोबाइल हो, हर जगह केवल महिला दिवस को लेकर चर्चा की जा रही थी। इस बात में कोई दो राय नहीं कि भले ही आज जमाना कितना भी आगे क्यों न बढ़ गया हो? लेकिन महिलाओं को घर संभालने और पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए ही उत्तम माना गया है।

आज भी हमारे इर्द-गिर्द ऐसे कई लोग मौजूद हैं जो घर की चारदीवारी में महिलाओं को कैद रखने को ही अपना धर्म मानते हैं। वहीं बेटियों के जन्म पर खुशी मनाने के बजाय दबे जुबान स्वीकार करते हैं या दुनिया में आने से पहले ही कूड़ों के ढेर में लावारिश फेक देते हैं। इसके बाद भी समाज के हर क्षेत्र में महिलाएं, पुरुषों से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही है।

प्रशासनिक सेवा, राजनीति व समाजसेवा में कई महिलाओं ने अपना लोहा मनवाया है। वहीं आज महिलाएं न केवल आज अपने हक के लिए लड़ रही हैं, बल्कि अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए वह सजग हैं। वहीं राजनीति में अगर जौनपुर की बात करें तो मुंगराबादशाहपुर निवासी सांसद (राज्यसभा सदस्य) सीमा द्विवेदी, मछलीशहर की युवा सांसद प्रिया सरोज व मछलीशहर विधायक रागिनी सोनकर अपने पद की गरिमा से प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश को गौरवान्वित कर रही है।

शिक्षा के माध्यम से बच्चों को आगे ले जाना है मकसद: कामना सिंह
एटीएस विद्यालय ग्यासपुर (सिरकोनी) की प्रवक्ता शिक्षिका कामना सिंह ने बताया कि संघर्ष कभी भी जाया नहीं जाता है, जब हम छोटे स्तर से बड़े सपने देखना शुरू करते है तो बड़े सपनों का एक आधार भी होता है और उस आधार के माध्यम से हम अपने सपनों को साकार करने के लिए प्रयास करते है जीवन में बहुत सारा संघर्ष रहा।
प्रारंभिक पढ़ाई से उच्च शिक्षा के बाद का जो सफर रहा। वह बहुत ही संघर्षशील रहा लेकिन हमने कभी भी अपने सपनों को नहीं छोड़ा और सारे बाधाओं को पार करते हुए हमने सारी परीक्षाओं को पास किया। कुल मिलाकर हमने बस एक ही ध्येय समझा कि आप जिस सेवा के लिए चयनित होते है, उस सेवा को और अपने शिक्षा के माध्यम से अपने बच्चों को आगे ले जाये वही आपकी असली उपलब्धि मानी जाएगी।
मेरी मां मेरे लिये आदर्श: स्मिता सिंह
एटीएस विद्यालय मटियारी की भौतिक विज्ञान की शिक्षिका स्मिता सिंह ने कहा कि हर महिला अपने आपमें ही शक्ति का रूप है। हमने अपने जीवन में भी बहुत सारी विपरीत परिस्थितियों का सामना किया है और जब भी हताश होती थी तो मेरी मां बस एक ही बात कहती थी कि परेशान होने से कुछ हासिल नहीं होता है।
तुम बस एक प्यारी सी मुस्कान के साथ कोशिश करो, सब ठीक हो जाएगा। आज मैं जहां भी हूं, अपनी मां की वजह से हूं। मेरी मां हमेशा से ही मेरी प्रेरणास्रोत रही हैं। मैं पूरी कोशिश करती हूं कि मैं अपने कार्यों से लोगों को प्रेरित कर सकूं और हमेशा करती रहूंगी।
सपनों क़ो साकार करने के लिये करना चाहिये परिश्रम: डॉ. श्रुति
प्रख्यात महिला प्रसूति विशेषज्ञ डॉ. श्रुति कीर्ति श्रीवास्तत्व ने बताया कि ज़ब हम किसी भी कार्य के लिये पहला कदम आगे बढ़ाते है तो सामने से 10 कदम आपको रोकने के लिये आते है, वहां हमें रुकना नहीं है, हमें अपना पहला कदम और फिर दूसरा कदम बढ़ाना है। दुनिया से कभी डरना नहीं है। अपने आपक़ो पता होना चाहिए कि हम क्या कर रहे है और एक सीढ़ी चढ़ रहे तो वहीं दूसरी सीढ़ी का प्लान करना है। साथ ही परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुये अपने लिये और अपने सपनों क़ो साकार करने के लिये परिश्रम करना चाहिए।
हर महिला स्वयं में है मर्दानी: रूबी यादव
रूबी यादव ने बताया कि हमने अभी तक दसों प्रतियोगी, परीक्षाओं में परीक्षा दी लेकिन अभी तक सफलता हासिल नहीं हुई है। बावजूद इसके भी मेरा मनोबल टूटा नहीं है। जब तक सफलता नहीं मिल जाती है तब तक रुकने वाली नहीं हूं, क्योंकि हर महिला स्वयं में मर्दानी है। किसी भी तरह से कमजोर नहीं है, हर विषम परिस्थितियों में खुद को और अपने परिवार को सम्भाल सकती है।











