गोविन्द वर्मा
बाराबंकी। जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडले के आशीर्वाद से एक निलंबित ग्राम पंचायत अधिकारी इनके कार्यालय का पटल प्रभारी बना हुआ है।निलंबित कर्मचारी से इनकी मोहब्बत इस कदर कि उपनिदेशक के आदेश को भी इन्होंने हवा में उड़ा दिया। उच्च अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाने वाले इस ग्राम पंचायत अधिकारी को महेंद्र प्रकाश रावत के नाम से जाना जाता है। जनपद बहराइच में ग्राम पंचायत अधिकारी के रूप में तैनाती के दौरान इनको उप निदेशक कार्यालय के आदेश संख्या द्वारा बहराइच से जनपद बाराबंकी में अटैच किया गया था। निदेशक पंचायती राज के निर्देश के क्रम में उपनिदेशक द्वारा महेंद्र प्रकाश रावत का अटैचमेंट निरस्त करते हुए कार्यालय पत्र संख्या बहराइच में योगदान करने का निर्देश दिया गया।
इस निर्देश का इन पर जब कोई असर नहीं हुआ तो पुनः 4 फरवरी 2025 को कार्यालय पत्र संख्या 1327 के जरिए इन्हें जनपद बहराइच में योगदान देने के लिए निर्देशित किया गया। इनके द्वारा बहराइच में योगदान नहीं करने पर कार्यालय के पत्र संख्या 1329 द्वारा इनसे स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने को कहा गया। इनके द्वारा आदेशों की अवहेलना करते हुए न स्पष्टीकरण दिया गया और न ही बहराइच में योगदान किया गया। महेंद्र प्रकाश द्वारा की गई लगातार उच्च अधिकारियों के आदेश की अवहेलना को इनके अनुशासनहीन, गैरजिम्मेदार तथा स्वेच्छाचारी होने का प्रमाण माना गया।
नतीजा उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक अनुशासन अपील नियमावली 1999 यथा संशोधित 2000 में निहित व्यवस्था के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दिनांक 18 फरवरी 2025 को पत्र संख्या 1374 जारी कर तत्काल प्रभाव से महेंद्र प्रकाश को सस्पेंड कर उप निदेशक कार्यालय देवीपाटन मंडल गोंडा से अटैच कर दिया गया है। इतना सब कुछ होने के बावजूद महेंद्र बाबू आज तक डीपीआरओ कार्यालय में पूर्ण निष्ठा से जमे हुए हैं। रोचक तथ्य यह है कि जिला पंचायत राज अधिकारी नीतेश भोंडले ने इनको प्रधान शिकायत पटल, स वि अ (पं)स्थापना पटल, ग्राम पंचायत अधिकारी स्थापना पटल एवं कार्यालय स्थापना पटल जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे रखी है।