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धनवन्तरि सभागार में जिलास्तरीय परामर्श बैठक का हुआ आयोजन
अब्दुल शाहिद
बहराइच। वर्ल्ड हेल्थ पॉपुलेशन (डब्ल्यूएचपी) संस्था के तत्वावधान में धन्वंतरि सभागार में जिला स्तरीय परामर्श बैठक का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय शर्मा व जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.एल. वर्मा ने किया।
इसका उद्देश्य जिले में बाल चिकित्सा क्षय रोग (बाल टीबी) के प्रारंभिक पहचान और बेहतर उपचार रणनीति पर जोर देना था जिससे जिले में क्षय उन्मूलन कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके। बैठक के दौरान सीएमओ डॉ. संजय शर्मा ने बाल क्षय रोग निदान पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुये बाल टीबी के निदान एवं उपचार से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा किया।
साथ ही कहा कि बच्चों में टीबी के लक्षण वयस्कों से भिन्न होते हैं जिनमें खांसी, बुखार, वजन में कमी, थकावट, रात में पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ, और लसीका ग्रंथियों का सूजन प्रमुख लक्षण होते हैं। खांसी, जो 2 सप्ताह से अधिक समय तक बनी रहती है और बुखार जो रात के समय अधिक बढ़ता है, बच्चों में टीबी के सामान्य संकेत हैं। इसके अलावा बच्चों के भुख में कमी, कमजोरी और शरीर में दर्द जैसे लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। यदि बच्चे में ऐसे लक्षण दिखे तो उसे तुरंत चिकित्सक से जांच करानी चाहिए।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. एम.एल. वर्मा ने बाल क्षय रोग पद्धति पर प्रकाश डालते हुए टीबी के प्रारंभिक पहचान और प्रारंभिक उपचार के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने रोगियों को समय पर रेफर करने एवं सफल उपचार दर को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। साथ ही टीबी के इलाज के दौरान बच्चों के पोषण के महत्व को उजागर किया, ताकि उनकी रिकवरी प्रक्रिया तेज हो सके। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जायेगा।
वहीं चिकित्सा महाविद्यालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रवेज अहमद ने गैस्ट्रिक एस्पिरेट और प्रेरित थूक परीक्षण के माध्यम से होने वाले टीबी परीक्षण की प्रक्रिया और उसके प्रभाव पर जानकारी साझा की। उन्होंने टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी के महत्व को रेखांकित किया और इसकी सही खुराक व उपयोग पर जानकारी दी।बैठक में एकीकृत बाल विकास सेवा विभाग से जिला कार्यक्रम अधिकारी राजकपूर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सरजू खान एवं राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के कर्मी उपस्थित रहे। इस अवसर पर डब्ल्यूएचपी टीम के राज्य तकनीकी प्रबंधक शैलेन्द्र, जिला परियोजना समन्वयक (बाल टीबी) मनमोहन दीक्षित भी मौजूद रहे।











