अब्दुल शाहिद
बहराइच। होली पर विभिन्न कवियों ने मिलकर होली का हुड़दंग तैयार किया है। यह कोई रंग खेलने की टोली नहीं, बल्कि कवियों की कल्पना को लेखनी द्वारा रचित एक काव्य पुस्तक है जिसमें कवियों ने होली से संबंधित सुंदर गीत एवं कविताओं की रचना की है और जिसका नाम दिया है होली का हुड़दंग।
इस पुस्तक में विनोद सिंह बदायूं, सुनील कुमार बहराइच, विजय सरोज बहराइच, प्रदीप पाण्डेय बहराइच, त्रिलोक चंद कानपुर देहात, विवेक पटेल श्रावस्ती, रुचि गर्ग सिंघल मेरठ, मनोज मंजुल ओज कासगंज, नीरज मौर्य बहराइच, गुलाब सिंह मेरठ, पूजा तिवारी बहराइच, शालिनी सिंह कौशांबी, शालिनी बरेली, मिर्जा शाहवाज बेग बरेली, पूजा काशवी, पूनम रानी वर्मा बहराइच, वंदना कुमारी चंपारण बिहार, चंद्रवती दीक्षित हरियाणा, फरहत माबूद प्रयागराज, शाहदिल नईम बिजनौर, विनोद दवे राजस्थान, नीलम सिंह हाथरस, इला गुप्ता गाजियाबाद, शिशिर कुशवाहा कन्नौज, सैय्यद जाबिर हुसैन कैमूर-बिहार, शिखा श्रीवास्तव लखनऊ, विवेक श्रीवास्तव बहराइच, साईं गोपाल अवस्थी बहराइच आदमी अपनी कविताओं से पुस्तक को सजाया है।
इस पुस्तक का प्रकाशन मुंबई की यूनीक फील पब्लिकेशन ने एवं सम्पादन पूरन लाल चौधरी ने किया है। संपादक पूरन लाल चौधरी के साथ इनका सहयोग विनोद सिंह, विजय सरोज, त्रिलोक चंद, प्रदीप पाण्डेय, सुनील कुमार, रुचि गर्ग सिंघल, विवेक पटेल सुनील परिहार विशाल गांधी एवं हरिओम मिश्रा ने सहयोग किया है। संपादक पूर्ण लाल चौधरी ने यह पुस्तक पाठकों को समर्पित किया।