साइबर फ्राड में म्यांमार में फंसे भारतीय लोगों को भारत लाया गया

आरएल पाण्डेय
लखनऊ। साइबर फ्राड करने वाले अन्तर्राष्टीय संगठित गिरोह द्वारा भारतीय नागरिकों को विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर जबरन म्यांमार में बुलाकर साइबर फ्रॉड के कार्यों में फंसाने वाले 540 भारतीय लोग रेस्क्यू के बाद भारत वापस। उत्तर प्रदेश के 64 लोगों को एसटीएफ द्वारा गहन पूछताछ की गयी।
मालूम हो कि 10 मार्च को साइबर फ्रॉड के सम्बन्ध में म्यांमार में फंसे भारतीय लोगों को म्यांमार से भारत लाया गया। प्रशान्त कुमार पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश के निर्देशन में अभिताभ यश अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था/एसटीएफ के मार्गदर्शन में भारत लाये गये लोगों में से 64 उत्तर प्रदेश के निवासियों से राजकुमार मिश्र अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई नोयडा व बृजेश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ के पर्यवेक्षण में पूछताछ की गयी।
ज्ञातव्य है कि इन 540 भारतीय लोगों की म्यांमार देश से वापसी होने पर इनमें से 64 भारतीय नागरिक उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे। उत्तर प्रदेश के रहने वाले 64 लोगों से राजकुमार मिश्र अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई नोयडा व बृजेश सिंह अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई मेरठ के पर्यवेक्षण में संयुक्त रूप से पूछताछ की गयी तो यह तथ्य प्रकाश में आया है कि अधिकतर लोग टेलीग्राम एवं अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से अन्तराष्ट्रीय संगठित गिरोह, साईबर फ्राड करने वाले गिरोह के संपर्क में आये थे जिनको अधिक वेतन का झांसा देकर विभिन्न प्रकार की नौकरी जैसे कम्प्यूटर डाटा ऑपरेटर एंव कॉल हैडलर आदि का काम बताया गया था। अन्तर्राष्ट्रीय संगठित गिरोह के सदस्य द्वारा इन लोगों का ऑनलाइन वीडियो कॉल पर इन्टरव्यू भी लिया गया था और इन्टरव्यू के उपरान्त इन लोगों के पास टेलीग्राम, व्हाटसअप एवं मेल आदि के माध्यम से इनको नौकरी का नियुक्ति पत्र भी भेजा गया था।
इसके बाद इन लोगों को वायुमार्ग से बैंकाक थाईलेण्ड में बुलाया गया था और बैकांक पहुँचने पर अन्तर्राष्ट्रीय संगठित गिरोह के सदस्य इन लोगों को लेकर लगभग 500 कि0मी0 दूर म्यांमार बार्डर की तरफ ले गये थे जहाँ इनको होटल में रूकवाया जाता था। इसके बाद अगले दिन गिरोह के दूसरे सदस्य इन लोगों को म्यांमार थाईलैण्ड बार्डर पर ले जाते थे जहाँ से इन लोगों को बीच में पड़ने वाली नदी को पार कराकर म्यांमार के MYAWADDY रीजन में ले जाया जाता था जहाँ संगठित गिरोह के सदस्यों द्वारा बडे पैमाने पर इन लोगों के रहने के लिए हॉस्टल, कॉल सेन्टर, ट्रेनिंग इंसट्रीटयूट बना रखे थे। संगठित गिरोह के सदस्यो के द्वारा यहीं पर इन लोगों के पासपोर्ट सहित अन्य दस्तावेज रखवा लिये गये थे और जो लोग इसका विरोध करते थे, उन लोगों को यातनाएं दी जाती थीं। संगठित गिरोह के लोगों द्वारा इन भारतीय लोगो को काम के बदले थाई करेन्सी ‘भात’ (थाईलेण्ड करेन्सी) दिया जाता था जिनको यह लोग मनी एक्सचेन्जर के माध्यम से अपने परिजनों के एकाउन्ट में भेज देते थे।
बताया गया कि संगठित गिरोह के लोग MYAWADDY रीजन में इस प्रकार के काम करने के लिए भारत के अलावा कई अन्य देशों के नागरिकों भी इसी प्रकार से ले जाते थे जिनको साइबर फ्रॉड के माध्यम से धोधाधड़ी करने के काम में लगा दिया जाता था। एसटीएफ उत्तर प्रदेश द्वारा उपरोक्त विषयगत मामले में गहनता से जानकारी की गयी है और छानबीन से जो तथ्य प्रकाश में आये हैं, उनको विकसित करने के उपरान्त अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

ADVT 2025 Dalimss Sunbeam School Jaunpur

Prakash Global School Jaunpur

ADVT 2024 Gahna Kothi Jaunpur