नारी को अपनी शक्ति जागृत करना चाहियेः पांडा

  • हर-हर शम्भू भजन से लोकप्रिय हुई उड़ीसा की भजन गायिका ने साझा किया विचार

रूपा गोयल
बांदा। हर-हर शंभू मस्त-मस्त गर्ल अभिलिप्सा पांडा ने ज्योतिषाचार्य अजीत गुप्ता के आवास पर कहा कि भूतेश्वर भगवान भोलेनाथ के प्रति उनकी भक्ति उनके गीतों से परिलक्षित होती है। यूं तो उन्होंने भगवान शिव पर आधारित दर्जनों गीत गाये जिसमें से एक गीत हर-हर शंभू, शंभू-शंभू अत्यधिक लोकप्रिय हुआ है जो लगभग सभी की जुबान पर है।भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा ने बताया कि वह बांदा में ज्योतिष और सनातन धर्म को लेकर एक ब्रांड कास्टिंग करने यहां पर आई हुई हैं। यहां के लोग बहुत ही सहयोगी है।
साथ व्यवहार भी अच्छा लगा। यहां के अनेक लोगों से वह मिली है। परिवार जैसा माहौल हर तरफ नजर आया। उन्होंने कहा कि वह जहां भी जाती है वहां की हिस्ट्री जानने की वह पूरी कोशिश करती हैं। बुंदेलखंड तो धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व का स्थान हैं जो बहुत ही अच्छा है।
इस बीच ज्योतिषाचार्य अजीत गुप्ता ने बताया कि उड़ीसा की भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा यहां पर ज्योतिष और सनातन धर्म में कैसे युवा और समाज आगे बढ़े, उसकी परिचर्चा के लिए यहां पर आई हैं।
साथ ही ज्योतिष की ब्रांड कास्टिंग भी उनका उद्देश्य है। ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दौरान उन्होंने अनेक लोगों से भेंट करते हुये विचारों का आदान—प्रदान भी किया। उन्होंने यहां आकर बहुत ही अच्छा महसूस किया और कहा कि नि:संदेह यहां का माहौल एक परिवार जैसा है।
महिलाएं स्वयं शक्ति की सृजक हैं
बांदा। महिला सशक्तीकरण पर पूंछे गए सवालों के जवाब में भजन गायिका पांडा ने कहा कि महिलाएं स्वयं शक्ति हैं लेकिन वह अपनी शक्ति भूल गई हैं जिन्हें जागृत करना होगा।
उन्होंने कहा कि जैसा कि कहा जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति की सफलता के पीछे नारी का हाथ होता है। इसी प्रकार से नारी की सफलता के पीछे भी पुरुष का हाथ होता है अथवा किसी कम्युनिटी का भी सानिध्य प्राप्त होता है तभी वह सफलता के सोपान तय करता ही। उन्होंने कहा कि देश के सर्वाेच्च राष्ट्रपति के पद पर आसीन द्रोपदी मुर्मू के पीछे एक कम्युनिटी थी जिसके कारण वह इस पद तक पहुंची हैं।
संघर्ष करके सफलता अर्जित करें युवा
बांदा। महान भजन गायिका अभिलिप्सा पांडा ने युवाओं की स्थिति के बारे में पूछे गए सवाल के बारे में कहा कि युवा आधुनिकता की चकाचौंध में डूबकर पाश्चात्य की ओर भाग रहा है और इसी में वह अपनी आर्थिक क्षति भी कर रहा है। बेरोजगारी के लिए बहाने नहीं होने चाहिए, बल्कि प्रत्येक युवा को धीरे-धीरे किसी भी क्षेत्र में स्ट्रगल करना चाहिए, सफलता निश्चित मिलेगी।
सकारात्मक सोच से ही तनाव से मुक्ति सम्भव
बांदा। युवाओं में बढ़ते मानसिक तनाव के बारे मे पूंछे गए सवाल के जवाब में भजन गायका ने कहा कि वह अपने परिवार से सीख ले और अपनी नकारात्मक सोच को बदले और सकरात्मक सोंच को अपनाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं में ड्रिपेशन की वजह नाउम्मीदी है लेकिन उसे अपनी मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि वह अपनी लगन के साथ किसी भी क्षेत्र में काम करता है तो वह निश्चित ही समय से पहले बहुत ज्यादा सफलता अर्जित कर सकता है।

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