सभी को मेरा नमस्कार, मैं डा. दुर्गेश पुष्कर किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज के नेफ्रोलॉजी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हूं। आज वर्ल्ड किडनी डे यानी विश्व गुर्दा दिवस मनाया जा रहा है, इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें और अपना संदेश आप लोगो से सांझा कर रहा हूं। पूरे विश्व में अनुमानित 10 में से एक व्यक्ति गुर्दा रोग से ग्रसित है। इस प्रकार कुल मिलाकर गुर्दा रोगियों के अनुमानित संख्या करीब 85 करोड़ है।
यह संख्या लगातार बढ़ रहे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से ग्रसित रोगियों के समांतर बढ़ रही है। गुर्दा रोग से ग्रसित होने की बाद इलाज के विकल्प सीमित हो जाते हैं और चूंकि गुर्दा रोग स्वभावतः असाध्य तथा समय के साथ बढ़ने वाली बीमारी है, इसको शुरुआती स्टेज में पहचानने से सही समय पर इलाज शुरू हो जाता है जिससे गुर्दा रोग से होने वाली समस्या से निजात पाया जा सकता तथा रोग के बढ़ने की गति को धीमा किया जा सकता है।
इस वर्ष की थीम Detect Early, Protect Kidney Health है। सरल भाषा में कहें तो बीमारी को जल्दी पहचाने ताकि बीमारी को बढ़ने से रोक जा सके। बात करें कि गुर्दों की बीमारी को जल्दी कैसे पहचाना जाय तो उसका उपाय है टेस्टिंग। एक सरल blood test जिसको KFT कहते हैं तथा एक यूरिन की जांच से गुर्दे की बीमारी को डायग्नोस किया जा सकता है।
लक्षण के बारे में हम सब जानते हैं परंतु आज मैं दो ऐसे लक्षणों की बात करूंगा जिन्हें अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है। इसमें पेशाब में झाग बन ना तथा रात में नींद के दौरान बार बार पेशाब के लिए उठना गुर्दे की बीमारी के लक्षण हो सकते हैं तो मैं आप सभी को सजग करना चाहूंगा कि यदि आप ये लक्षण महसूस करते हैं तो अपना किडनी फंक्शन टेस्ट और यूरिन का टेस्ट अवश्य करवाएं। अंत में फिर से जोर दूंगा कि जितनी अधिक संख्या में हम टेस्टिंग करेंगे उतने अधिक लोगों को हम सही समय से इलाज शुरू करके उनके गुर्दों को बचा सकेंगे।