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मुकदमे लम्बित होने के बाद भी जेसीबी से गिरवा दिया मकान व दुकान
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ग्राम समाज की उसी जमीन पर बगल में बने मकान को छुआ तक नहीं
अजय पाण्डेय
जौनपुर। प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार में नौकरशाही एकदम बेलगाम हो गई है। तहसील के अधिकारी खुलेआम मनमानी कर रहे हैं। वाराणसी-आजमगढ़ राजमार्ग पर चंदवक थाना क्षेत्र के ग्राम सभा मंदूपुर में ग्राम समाज की भूमि पर लगभग 100 वर्ष पूर्व बने मकान व दुकान को उपजिलाधिकारी केराकत के आदेश पर तहसीलदार के नेतृत्व में गठित राजस्व व पुलिस की संयुक्त टीम ने मुकदमे विचाराधीन होने के बावजूद जेसीबी से ढहवा दिया। ग्राम समाज की ही भूमि पर ठीक बगल में बने दूसरे पक्के निर्माण को छुआ तक नहीं। राजस्व विभाग की यह भेदभावपूर्ण कार्रवाई गांव-जवार में चर्चा का विषय बनी है।
बताते हैं कि इसी थाना क्षेत्र के सिधौनी गांव निवासी विश्वनाथ गुप्ता उर्फ झिंगई साव का परिवार लगभग एक दशक से न जानकारी में इस सरकारी जमीन पर मकान बनाकर व मिठाई की दुकान चलाकर भरण-पोषण करता चला आ रहा था। 4-5 माह पूर्व गांव के ही कुछ लोगों से विश्वनाथ गुप्ता का लेन—देन को लेकर विवाद हो गया था। उन्हीं लोगों ने उपजिलाधिकारी केराकत के यहां शिकायत कर दी। राजस्व विभाग की जांच में निर्माण अवैध पाया गया और उसे ध्वस्त कर दिया गया। अब बात यह उठती हैं कि उसी सरकारी जमीन के एक हिस्से में वर्षों पूर्व कराया गया पक्का निर्माण, वैध कैसे हो गया। यदि वह भी अवैध था तो किसके दबाव में राजस्व विभाग ने गिराना मुनासिब नहीं समझा। पीड़ित ही नहीं, क्षेत्रीय लोग भी तहसील प्रशासन से इसका जवाब चाहते हैं जो शायद उसके पास नहीं है।