एनके मिश्रा
लखीमपुर खीरी। नव वर्ष के अभिनंदन में धर्म जागरण समन्वय विभाग के तत्वाधान में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन किया गया। कवियों ने काव्य पाठ करके देश प्रेम का संदेश दिया। कई समस्याओं को भी रेखांकित किया। इतना ही नहीं, हास्य व्यंग की रचनाओं ने भी श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। मध्य रात्रि तक चले, इस कवि सम्मेलन में श्रोता बंधे बैठे रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत भाजपा जिलाध्यक्ष सुनील सिंह तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघ चालक स्वर्ण सिंह कंबोज ने किया। अधिवक्ता राजकुमार त्रिवेदी को उमेश मिश्र स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। लखनऊ से आई संध्या त्रिपाठी ने वाणी वंदना से की। सीतापुर से आए कमलेश मृदु मौर्य के संचालन में बरेली के कमलकांत तिवारी ने पढ़ा, कह दो भारत की संसद और सियासत दारों से, जंग नहीं जीती जाती है जंग लगे हथियारों से।
शाहजहांपुर के गीतकार डा. इंदु अजनबी ने पढ़ा मेले और बाजार तुम्हारे होने से सुरभित यह संसार तुम्हारे होने से। दीप रंग औ दुआ प्रार्थना में तुम ही, होते हैं त्योहार तुम्हारे होने से। योगेश चौहान ने ओजस्वी रचना से इतिहास का महत्व समझाया। उन्होंने पढ़ा कि भूल गए यदि आप इतिहास अपना तो देश का समूचा भूगोल बदल जाएगा। सिकंदरा राऊ के देवेंद्र दीक्षित शूल ने पढ़ा, चारों तरफ हों शूल मत दामन बचाइए आप भी गुलाब जैसे मुस्कुराइए। कानपुर से आए गीतकार डा. राधेश्याम मिश्र का गीत बहुत सराहा गया। उन्होंने पढ़ा, जिसका लक्ष्य बड़ा होता है आगे वही खड़ा होता है। होती जय-जय कार उसी की, जो रणभूमि लड़ा होता है। कार्यक्रम संयोजक और अपनी ओजस्वी कविताओं के लिए जाने जाने वाले अनिल शुक्ल अमल ने श्रीराम मंदिर का जिक्र किया। उन्होंने पढ़ा पांच सदी तक लड़े अनवरत लाखों हैं बलिदान दिए, कितनी पीढ़ी बीत गई हैं मंदिर का अरमान लिए। इस दौरान कार्यक्रम आयोजक अधिवक्ता राजीव तिवारी के साथ अभिजात मिश्रा, दिनेश अवस्थी, संदीप सिंह चौहान, राजीव पांडेय आदि मौजूद रहे।