राघवेनद्र पाण्डेय
अमेठी। जनपद की तहसील क्षेत्र मुसाफिरखाना के भीखीपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत भागवत कथा का रसपान कर श्रद्धालु भाव—विभोर हो गये। जीवन में आये कष्ट, दुष्प्रवृत्ति के कारण और निवारण का व्याख्यान करने वाराणसी से पधारे भागवत किंकर व्यास विनय शास्त्री ने बड़े मार्मिक ढंग से समझाया। चारों धाम की तीर्थयात्रा कर लौटे मुख्य यजमान अंबिका प्रसाद शुक्ल पूर्व प्रधानाचार्य ने भागवत कथा का अनुष्ठान कराकर क्षेत्रवासियों को भी पुण्य का भागीदार बनाया है। भण्डारे का आयोजन किया है।
कथा में पधारे श्रद्धालु जन, भगवत्भक्त जनों ने संगीतमयी कथा का श्रवण कर आनंदित हुए। कथाकार ने वाल्मीकि के रत्नाकर ने विद्वान बनने की कथा के माध्यम से मानव को बुराइयों को त्याग कर आत्मोत्कर्ष पहुंचने का मर्म को समझाते हुए कहा कि किसी उपलब्धि, बल, बुद्धि और माया प्राप्ति से अहंकार पालने से लोग कष्टों में फंसते चले जाते हैं। आचार्य ने रामायण, महाभारत, पुराणों के पात्रों के गुण कर्म के आधार पर आज विकृतियों विकारों को दूर करने और संभलने का मार्ग प्रशस्त करने का सफल प्रयास किया। सृष्टि रचना का सरल सुंदर वर्णन किया। प्रासंगिक भक्ति गीतों पर सभी झूमते नजर आये।
कथा की पूर्णाहुति 12 और 13 अप्रैल को विशाल भण्डारे का विधान किया गया है। कार्यक्रम में संग्रामपुर प्रधान रज्जू उपाध्याय मां कलिका के अनन्य भक्त अजय पांडेय तथा भादर से पधारे वर्तमान जिला पंचायत सदस्य जगन्नाथ पांडेय चन्द्रपाल सिंह, राम जिबोध मिश्र, दद्दन मिश्र, रमापति मिश्र, अखिलेश दूबे, सुरेन्द्र दूबे सहित दूर-दूर से पधारे पुण्यात्माओं की उपस्थिति रही।


















