दीपक कुमार
चंदौली। जिले में दर्जनों ईंट भट्ठे बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के ही खुलेआम अपने चिमनियों से धुएं के रूप में जहर उगल रहे हैं और प्रशासन मौन साधे हुए हैं, इसकी चर्चा जोरों पर हो रही है। प्रशासन और प्रदूषण विभाग आखिर क्यों अवैध रूप से चल रहे इन ईंट भट्टो के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहा है।
बता दें कि जनपद में भारी पैमाने पर ईंट भट्ठे बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के ही धड़ल्ले से चल रहे हैं। इन ईंट भट्टों पर नोटिस देने के नाम पर अवैध वसूली की जाती है और उसके बाद वह बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के ही अपनी चिमनी से जहर उगलकर वातावरण को दूषित करने का कार्य कर रहे हैं। समय-समय पर विभागीय अधिकारियों द्वारा चेकिंग की जाती है लेकिन फिर मामला जस का तस हो जाता है।
जनपद के सकलडीहा तहसील में सबसे अधिक ईंट भत्ते बिना प्रमाण पत्र के चल रहे हैं जहां प्रदूषण विभाग केवल नोटिस थमा कर अपना खानापूर्ति कर दिया है।
वहीं प्रशासन के सामने इतना बड़ा अवैध कारोबार चल रहा है और जिला से लेकर तहसील प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं। भरी पैमाने पर ईंट भट्ठे बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के ही चल रहे हैंं हालांकि संबंध में प्रदूषण विभाग के अधिकारी से जब बात किया गया तो उन्होंने बताया कि 45 से अधिक ईंट भट्ठे बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र के चल रहे हैं, उनके खिलाफ नोटिस देकर कार्यवाही के लिए चेतावनी दिया गया है जबकि सकलडीहा के उप नवागतपुर जिला अधिकारी से इस संबंध में बात किया गया तो उन्होंने जांच कार्यवाही करने की बात कही है। अब देखना है कि इन ईंट भट्ठो के स्वामियों द्वारा अभी तक सेटिंग के माध्यम से ही इस कार्य को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। आगे किस तरह से इसको संचालित करते हैं।