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जमीनों के अभिलेखीय हेराफेरी के मामलों में अव्वल रहती है डलमऊ तहसील, मामले ने पकड़ा तूल
अनुभव शुक्ला
रायबरेली। जिले की डलमऊ एक ऐसी तहसील जो सरकारी, पैतृक व ट्रस्ट कि परती पड़ी जमीनों के अभिलेखीय हेराफेरी के मामलों में पिछले कुछ वर्षों से अव्वल होती चली जा रही है। ऐसी जमीनों पर भले कोई काबिज रहे किंतु तहसील कर्मचारियों कि मिली भगत से अभिलेखों में कब किसके नाम दर्ज हो जाय, इसकी जानकारी को अभिलेखों का मुआयना करने के बाद ही पता चलता है। चाहे वह आदर्श शिक्षा निकेतन के तिकड़मी संचालक किशोरी लाल द्वारा भगौती के नाम गरीबों कि बस्तियों को कराये जाने का मामला हो या फिर अन्य मामले अब एक ताजा मामला डलमऊ कस्बा क्षेत्र से ही निकलकर सामने आया है जहां धनपत नाम के सेवानिवृत्त लेखपाल ने अपनी तैनाती के दौरान रामजानकी यूनिट तुलसीदास ट्रस्ट की भूमि गाटा संख्या 4973, 4974, 4975, 4976, 4977, 4978, 4979 व 4980 को अपने बेटों विनोद कुमार व विवेक कुमार के नाम डलमऊ तहसील के कर्मचारियों कि सांठ-गांठ से चढ़वा लिया है। स्थानीय बीजेपी नेता अंकित दीक्षित ने इस पूरे फर्जीवाड़ा का साक्ष्य संकलित जिले के उच्चाधिकारियों सहित प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सहित विभिन्न स्तरों पर कार्यवाही कि गुहार लगाते हुए जनपद के अन्य तहसील के उच्चाधिकारियों इस फर्जीवाड़े की जांच कर प्रभावी कार्यवाही किए जाने की मांग किया है।